Jet Airways को बचाने के लिए नरेश गोयल सभी शर्त मानने को तैयार

जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल ने बुधववार को कहा कि उन्होंने एयरलाइन को समय पर कोष उपलब्ध कराने के लिये कर्जदाताओं द्वारा रखी गई हर तरह के नियम, शर्त को स्वीकार किया. कर्ज संकट से जूझ रही इस एयरलाइन के रिण समाधान को आगे बढ़ाते हुये इसके कर्जदाता कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे और इसमें 1,500 करोड़ रुपये का कोष डालेंगे. एयरलाइन के भविष्य को लेकर बढ़ती चिंता के बीच गोयल ने कहा कि उन्होंने भारतीय कर्जदाताओं के समूह को सहयोग देने के लिये पूरी ईमानदारी के साथ कुछ कड़े, व्यक्तिगत फैसले लिये. ‘मैंने उनकी समयबद्ध तरीके से रखी गई हर शर्त को माना.’ गोयल का यह बयान ऐसे समय आया है जब एयरलाइन ने यह खुलासा किया है कि पट्टा किराया नहीं देने की वजह से उसके 15 और विमान खड़े कर दिये गये हैं.

जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की 25 मार्च को हुई बैठक में कर्ज समाधान योजना के तहत कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये डाले जायेंगे और उसके रिण को इक्विटी पूंजी में बदला जायेगा.

इसके साथ ही गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल निदेशक मंडल से बाहर होंगे. इस बदलाव के बाद कंपनी में गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25 प्रतिशत और उसके भागीदार एतिहाद की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत रह जायेगी.

एक समय था जब जेट के बेड़े में 119 विमान थे. अब कंपनी के बेड़े में केवल 13 विमान रह गए हैं. मंगलवार तक 28 विमान परिचालन में थे, लेकिन बाद में 15 और विमानों को पट्टा नहीं चुकाने की वजह से खड़ा किया गया.

पायलट, टेक्नीशियन समेत हजारों कर्मचारियों को की महीने से सैलरी नहीं मिली है. ऐसे में करीब 1000 पायलटों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा कर दी थी. हालांकि, उन्हें किसी तरह मनाया गया. पायलट ने 15 अप्रैल तक का वक्त दिया है. बता दें, जेट एयरवेज पर करीब 7000 करोड़ रुपये का कर्ज है. उम्मीद है कि बैंकों से इसे 1500 करोड़ मिलेंगे जिसके बाद स्थिति में सुधार होगा.

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