जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू की तीन दिवसीय राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार से पटना में शुरू होने जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम कैंडिडेट होने की चर्चा के बीच इस बैठक को अहम माना जा रहा है। जेडीयू के इस मंथन शिविर में देश-प्रदेश के सैकड़ों नेता हिस्सा लेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को मजबूत करने के लिए सांगठनिक तौर पर कुछ बड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक पटना के कर्पूरी सभागार में 2 से 4 सितंबर तक जेडीयू की विभिन्न कार्यकारिणियों की बैठक होगी। शुक्रवार दोपहर में इसकी शुरुआत की जाएगी। 2 सिंतबर को प्रदेश पदाधिकारी आपस में चर्चा करेंगे। इसके बाद शनिवार को प्रदेश एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और रविवार को राष्ट्रीय समिति के सदस्य मंथन करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। बैठक में शामिल होने के लिए जेडीयू नेताओं का पटना आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
सदस्यता अभियान तेज करने पर रहेगा जोर
जेडीयू के तीन दिवसीय मंथन में सदस्यता अभियान को तेज करने पर जोर दिया जाएगा। बिहार समेत अन्य राज्यों में पार्टी की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा नए सदस्य बनाए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय नेताओं को टार्गेट सौंपे जा सकते हैं। बिहार में जेडीयू सदस्यता के मामले में आरजेडी और बीजेपी से पीछे है। वहीं, तीन दिवसीय बैठक में जेडीयू के अन्य राज्यों में विस्तार को लेकर भी विचार किया जाएगा।
नीतीश की पीएम पद पर नजर, बैठक में बन सकती है रणनीति
चर्चा है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री पद पर नजर है। हाल ही में तेलंगाना के सीएम केसीआर से मुलाकात के बाद उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने का ऐलान किया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे आगामी आम चुनाव में पीएम मोदी को सीधे टक्कर दे सकते हैं। जेडीयू की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बन सकती है।
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