अनहोनी को होनी करने वाले महेंद्र सिंह धौनी के लिए दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ राह आसान नहीं होने वाली। अबतक धौनी ने अपने चतुराई से चेन्नई की कई खामियों को छुपा कर रखा है। दिल्ली के खिलाफ इस थिंक टैंक को रोकने के लिए दो महारथी तैयार है। क्रिकेट के इतिहास में धौनी से पहले इन्हीं दोनों कप्तानों का दबदबा रहा है। दोंनों का नाम क्रिकेट इतिहास में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पॉन्टिंग और मेंटॉर सौरव गांगुली की।
तीन आइपीएल और दो विश्व कप टाइटल-
धौनी ने अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया है। शांत दिमाग से फैसले लेने वाले धौनी दबाव में भी अच्छी कप्तानी करते हैं। धौनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को दो बार विश्व कप विजेता बना चुके हैं। 2007 में पहली बार टी-20 और उसके बाद 2011 में वन-डे में चैपिंयन बनाया है। आइपीएल में चेन्नई को तीन बार चैपिंयन बनाने का काम भी धौनी ने किया है।
इंडियन टीम को विश्व के मुकाम तक पहुंचाने वाले दादा-
90 के दशक में भारतीय टीम पर फिक्सिंग का कलंक लग चुका था। ऐसे हालात में टीम को मिले सौरव गांगुली। नए खिलाड़ी और नए मैनेजमेंट को एक साथ एक खाचें ढालकर गांगुली ने एक टीम बनाई। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में घुसकर हराने कारनाम किया। 2003 के विश्व कप के फाइनल तक टीम को पहुंचाया। खास बात यह है कि भारतीय क्रिकेट टीम में धौनी को पहला मौका देने वाले भी सौरव गांगुली ही थे। दुनियां के बेहतरीन कप्तानों मे से एक गांगुली ने धौनी को रोकने लिए रणनीति तो बना ही लिया होगा। अब बारी धौनी की है कि कैसे इस थिंक टैंक से लड़ते हैं?
ऑस्ट्रेलिया को तीन बार चैपिंयन बनाया-
रिकी पॉन्टिंग ने ऑस्ट्रेलिया का ढंका पूरी दुनियां में बजाया था। 2003 और 2007 में रिंकी पॉन्टिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने विश्व कप जीता। एक दौर ऐसा था जब कि ऑस्ट्रेलिया को रोकना लगभग नामुमकिन था। धौनी को फाइनल से पहले रोकने के लिए इस बार दिल्ली के कैंप में पॉन्टिंग भी मौजूद है। धौनी के लिए यह आसान नहीं होने वाला।