नई दिल्ली, इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल ने दुनिया भर में टी20 लीग टूर्नामेंट के मामले में हाइ बार स्थापित किया है। जहां बिग बैश लीग, कैरेबियन प्रीमियर लीग, बांग्लादेश प्रीमियर लीग और पाकिस्तान सुपर लीग जैसे टूर्नामेंटों ने फ्रैंचाइजी क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है, वहीं आइपीएल के पास जो स्टार पावर और पहुंच है, उसका कोई तोड़ नहीं है। यही कारण है कि दुनिया भर के क्रिकेटर आइपीएल को फ्रैंचाइजी क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कहते हैं।
फाफ डु प्लेसिस, जो आइपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं और पीएसएल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स के लिए खेलने के लिए कमर कस रहे हैं, जिसका छठा सीजन 9 जून से यूएई में फिर से शुरू होगा, उन्होंने दोनों लीगों के बारे में एक दिलचस्प बात कही है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान को लगता है कि पीएसएल तेज गेंदबाजों की गुणवत्ता के मामले में सबसे अलग है, जबकि आइपीएल ने वर्षों से हमेशा स्पिनरों का अच्छा स्टॉक तैयार किया है।
क्रिकेट पाकिस्तान ने फाफ के हवाले से लिखा है, “पीएसएल में मानक बहुत अच्छा है। मुझे कहना होगा कि जिस चीज ने मुझे टूर्नामेंट के बारे में सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह है तेज गेंदबाजी। मैं खुद दक्षिण अफ्रीका जैसे देश से आया हूं, जहां आप काफी गति का सामना करते हुए बड़े हुए हैं, मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि प्रतियोगिता में 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक गेंदबाजी करने वाले कई गेंदबाज हैं। मैं कहूंगा कि भारत में, आपके सामने स्पिन गेंदबाजों की एक विशाल विविधता है, मुझे लगता है कि पीएसएल का असली रत्न गति है।”
वहीं, कोरोना के कारण स्थगित हुए आइपीएल को लेकर फाफ डुप्लेसिस ने कहा है, “टूर्नामेंट एक बार फिर से अच्छी तरह से चल रहा था। सब कुछ सुचारू रूप से चला, हम बुलबुले में सुरक्षित महसूस कर रहे थे, कोई समस्या नहीं थी। तब जाहिर है, मुझे लगता है कि आइपीएल का यात्रा हिस्सा वह जगह है जहां इसने कोविड के टूर्नामेंट में आने के लिए जगह दी। बहुत निराशाजनक है कि इसके कारण एक और टूर्नामेंट स्थगित करना पड़ा। यह एक तरह से दुखद था। मेरा प्रदर्शन अच्छा चल रहा था और टीम भी … चेन्नई सुपर किंग्स वाकई अच्छा क्रिकेट खेल रही थी। उस लिहाज से भी बहुत निराशाजनक है।”