एक ‘नो बॉल’ ने पूरा मैच बदल दिया। जी हां, एक ‘नो बॉल।’ टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को भी नहीं पता था चौथे वन-डे में उनकी एक ‘नो बॉल’ क्या गुल खिलाएगी, नतीजा टीम इंडिया ने भुगता। दक्षिण अफ्रीका ने चौथे वन-डे में पांच विकेट से जीत दर्ज करके टीम इंडिया को इतिहास रचने से रोक दिया और 6 मैचों की सीरीज का रोमांच बरकरार रखा।
लेग स्पिनर चहल वांडरर्स पर खेले गए चौथे वन-डे के मुजरिम बन गए। उन्होंने वर्षा बाधित मुकाबले में पारी के 18वें ओवर की आखिरी गेंद बहुत ही शानदार लेंथ पर डालकर डेविड मिलर को क्लीन बोल्ड किया। चहल ने गेंद की गति एकदम धीमे कर दी और ड्रिफ्ट कराई। गेंद फुल लेंथ के आस-पास आई, जिस पर मिलर शॉट खेलने से पूरी तरह चूक गए।
गेंद स्टंप पर लगी और मिलर पवेलियन लौटने को तैयार हो गए। मगर अंपायर ने बीच में आकर मिलर को रोका और नो बॉल चेक करने की बात कही। रीप्ले में दिखा कि यह नो बॉल है और इससे ‘किलर-मिलर’ को जीवनदान मिल गया।
इसी ओवर की तीसरी गेंद पर श्रेयस अय्यर ने स्क्वायर लेग पर मिलर का आसान कैच टपकाया था। डेविड मिलर ने इन मौके को भुनाया और हेनरिच क्लासेन के साथ मैच बदलने वाली साझेदारी की।
मिलर और क्लासेन ने पांचवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की और प्रोटियाज की जीत पर मुहर लगाई। चहल ने ही फिर पारी के 24वें ओवर की चौथी गेंद पर मिलर को LBW आउट किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।