अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को चेतावनी देते हुये कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह नाजुक मौका है। वैश्विक अर्थव्यवस्था ने जो रफ्तार पकड़ी थी व्यापार तनाव, ब्रेक्जिट और दूसरे कारणों से वह धीमी पड़ गई है। आईएमएफ के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2019 में एक बार फिर वैश्विक वृद्धि को कम कर 3.3 प्रतिशत कर दिया गया। इससे पहले आईएमएफ ने जनवरी में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इससे भी पहले अक्टूबर में आईएमएफ ने इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
आईएमएफ ने कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही में वैश्विक वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी और इसके बाद 2020 में यह 3.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। हालांकि, इसके लिये कई चीजें हैं जिन्हें सही दिशा में आगे बढ़ना होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध का भी सकारात्मक समाधान होना चाहिये।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक वक्तव्य में कहा है कि इस तिमाही रिपोर्ट में 2019 के दौरान दुनिया की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने का अनुमान जताया गया है। यूरो क्षेत्र में यह सुस्ती तेज होगी, खासकर जर्मनी और इटली की अर्थव्यवस्थाओं में धीमापन आयेगा।
इसके अलावा यूरोपीय संघ से बाहर होने को लेकर जारी खींचतान के चलते आईएमएफ ने ब्रिटेन के आर्थिक परिदृश्य को इस साल और अगले साल के लिये कम कर दिया है। दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में चीन की वृद्धि 6.3 प्रतिशत और भारत की आर्थिक वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।