भारत में डिजिटलाइजेशन की वजह से फ्रॉड के मामलों में कमी आई है. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को अपनी हालिया रिपोर्ट में कही. आईएमएफ के मुताबिक डिजिटलाइजेशन की वजह से मनमाने ढंग से काम करने वालों पर भी लगाम लगा है.
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और इंडोनेशिया में कल्याणकारी योजनाओं के लिए ई-खरीद की शुरुआत से प्रतिस्पर्धा और निर्माण की गुणवत्ता बढ़ी है. इसी प्रकार , आंध्र प्रदेश में स्मार्ट आईडी कार्ड के इस्तेमाल से विशिष्ट कार्यक्रमों के तहत जरूरतमंदों को दिए जाने वाले लाभ में होने वाली गड़बड़ी को 41 फीसदी तक कम किया गया है.
स्मार्ट आईडी का उपयोग विशेष कार्यक्रम के लाभार्थियों की पहचान में मदद करता है.रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटलाइजेशन की वजह से शीर्ष ऑडिट संस्थानों (एसएआई), संसद और नागरिक समाज की जांच से जनता के पैसों के इस्तेमाल में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है और अधिकारियों की जवाबदेही बनी रहती है.
आईएमएफ ने भारत सरकार को राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 फीसदी पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने में देरी हो सकती है और कर्ज को जीडीपी के 40 फीसदी पर रखने का लक्ष्य 2024 के बाद हासिल हो सकेगा.