सीबीआई ने आई-मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) घोटाले में जांच शुरू करने के आठ दिन के भीतर कंपनी के कर्ताधर्ता मंसूर खान के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अपनी रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने आई-मोनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक खान और 19 अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित कई आरोप लगाए हैं। इन 19 आरोपियों में सात कंपनी निदेशक, पांच सदस्य, एक ऑडिटर, एक निजी व्यक्ति और पांच निजी कंपनी समूह शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में यह पहला आरोप पत्र है जिसे बेंगलुरु की विशेष अदालत में दायर किया गया है और एजेंसी जांच आगे बढ़ने के साथ-साथ और आरोपपत्र दायर करेगी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने कर्नाटक सरकार के अनुरोध परकेन्द्र सरकार के माध्यम से इस मामले की जांच 30 अगस्त की रात अपने हाथ में ली थी।
खान ने अपनी कंपनी आईएमए और सहायक कंपनियों के माध्यम से कथित तौर पर एक लाख से अधिक निवेशकों, जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं, को इस्लामी तरीके से निवेश करने के बदले में बड़ी रकम लौटाने का वादा करके उनके साथ धोखाधड़ी की थी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि बेंगलुरु स्थित कंपनियों के समूह के संस्थापक निदेशक (खान) ने उच्च रिटर्न के एवज में अवैध तरीके से मासिक योजना, शिक्षा योजना, विवाह योजना जैसी पोंजी योजनाओं में लोगों से धन निवेश कराया।