मुख्यमंत्री आवास के घेराव पर अड़े आप कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां भांजी है। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष एवं प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा समेत 12 से अधिक घायल हुए हैं। वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया है। 40 से अधिक आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में सीएम आवास घेराव के लिए पहुंचे आप कार्यकर्ताओं पर पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। इसमें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष एवं गठबंधन प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा सहित 12 से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। इस दौरान डीएसपी रामकुमार सहित कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। पुलिस ने 40 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है।
अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद वीरवार की देर शाम को ही पार्टी की ओर से प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास के घेराव का एलान कर दिया गया था। ऐसे में पुलिस ने आवास के करीब 100 मीटर पहले ही दो स्तरीय नाकेबंदी की थी। साथ ही वाटर कैनन व अन्य बंदोबस्त के साथ डीएसपी रामकुमार की अगुवाई में पुलिस बल तैनात किया गया था।
सुबह 11 बजे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता पूर्व मंत्री बलबीर सैनी की अगुवाई में आवास के बाहर जुटने लगे और करीब एक घंटे बाद जब पार्टी प्रदेशाध्यक्ष एवं प्रत्याशी डॉ सुशील गुप्ता व प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा पहुंचे तो कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करने लगे। पहले पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता अड़े रहे।
ऐसे में पुलिस ने पहले पानी की बौछारें छोड़ी और फिर हल्का लाठीचार्ज किया गया। इसमें प्रदेशाध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता व अनुराग ढांडा सहित कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं। घायल कार्यकर्ता वहीं बैठे रहे और जब करीब आधे घंटे से ज्यादा समय तक एंबुलेंस नहीं आई तो कार्यकर्ता फिर भड़क गए और बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करने लगे।
पुलिस ने फिर वाटर कैनन व बल का प्रयाेग किया। इसके बावजूद कार्यकर्ता नहीं हटे। कुछ देर रुकने के बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री बलबीर सैनी सहित 40 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। फिर दो बसों में भरकर उन्हें अन्यत्र ले जाया गया। वहीं एंबुलेंस भी बुलाई गई, जिसमें घायल कार्यकर्ताओं को नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया।
मुख्य तौर पर ये कार्यकर्ता हुए घायल
आप के प्रदेश अध्यक्ष व प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा, एडवोकेट दिनेश कुमार, जगदीश सिरटा, वीरेंद्र नरवाल हिसार, धर्मपाल लाट सिरसा, जगदीश सिरसा, राजकौर गिल।
एसपी बोले- हालात काबू करने के लिए की कार्रवाई
एसपी एसएस भौरिया भी मामला शांत होने के बाद मौके का जायजा लेने पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि कार्यकर्ताओं को कुछ शरारती लोगों ने भड़काया है। उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने। इसके बाद हालात को काबू में करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ी। ऐसा न करते तो कार्यकर्ता सीएम आवास में घुस जाते, जो कानूनी तौर पर सही नहीं है। कार्रवाई में कई पुलिसकर्मियों व कार्यकर्ताओं को चोटिल होने का पता चला है। पूरे मामले की जांच की जाएगी।
आप पार्टी के नेता बोले-शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर बरसाई लाठियां
पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता व वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव से डर रही है और तानाशाही से विपक्ष को दबाना चाहती है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई गईं। इसमें दर्जनों कार्यकर्ता घायल हुए हैं। सरकार व पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ता डरने व दबने वाले नहीं हैं। अपने नेता के लिए प्रदर्शन करना कार्यकर्ताओं का हक है, उन्हें इस तरह से दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार केजरीवाल को नाजायज तरीके से बिना कुसूर गिरफ्तार करवा चुकी है, जिसके पीछे मंशा है कि वे कांग्रेस गठबंधन से अलग हो जाएं। भाजपा सरकार की इस मंशा को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। देश की जनता सब देख रही है।
अनिल विज बोले- केजरीवाल की गिरफ्तारी से जीवित हुआ प्रजातंत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब घोटाले में गिरफ्तारी पर पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि सही मायनों में प्रजातंत्र अब जीवित हुआ है। सभी संस्थाएं बिना किसी प्रभाव के अपने दायित्व का निर्वाह कर रही है।
विज ने कहा कि राहुल गांधी केजरीवाल की तरफ इशारा करके बोल तो रहे हैं, मगर इनके (आम आदमी पार्टी) तीन आदमी जेल में हैं और कोर्ट इन्हें जमानत नहीं दे रही है। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो जांच एजेंसियां हैं, उनके पास सबूत हैं और तथ्य कोर्ट में रखें हैं। इनको अपनी बात कहने का मौका मिला है और खड़गे कैसे बोल सकते हैं, इन्होंने (कांग्रेस) 1975 में क्या किया था जब इमरजेंसी लगाई थी।