तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल मिथन तोड़ने के लिए 17 साल बाद 2018 में मधुबन पहुंचे थे। एक साल पहले अलंकरण समारोह में हिस्सा लिया था। साल बाद भूमिका बदल गई है।
करनाल जिले में स्थित मधुबन पुलिस अकादमी का मिथक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी नहीं तोड़ पाए। धारणा है कि जो भी प्रदेश का मुख्यमंत्री मधुबन आया, कुछ ही महीनों बाद उसकी कुर्सी चली गई।
मधुबन जाने के बाद प्रदेश के मुखिया की कुर्सी से हटने वालों में अब मनोहर लाल का नाम भी जुड़ गया है। इससे पहले चौधरी बंसीलाल, मास्टर हुकुम सिंह और ओमप्रकाश चौटाला मधुबन जाने के बाद सीएम की कुर्सी गंवा चुके हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मधुबन का मिथक तोड़ने की कोशिश की थी। वह 14 जनवरी 2018 को पहली बार सीएम रहते हुए मधुबन पहुंचे थे। सीएम के लिए अशुभ मानी जा रही पुलिस अकादमी के मिथक को तोड़ते हुए मनोहर लाल ने तब दीक्षांत परेड में हिस्सा लिया था। हालांकि, 2019 में वह फिर से सीएम बन गए थे।
पिछले साल 14 फरवरी 2023 को भी मनोहर लाल ने यहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी। हरियाणा पुलिस को राष्ट्रपति कलर सम्मान मिलने पर आयोजित निशान अलंकरण परेड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पहुंचे थे। इसके ठीक एक साल बाद मनोहर लाल के पास से मुख्यमंत्री की कुर्सी चली गई। अब नायब सिंह सैनी प्रदेश के मुख्यमंत्री और मनोहर लाल करनाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी हैं।
कन्नी काटते रहे कई सीएम
मधुबन अकादमी की स्थापना सन 1976 में हुई थी। इसके बाद केंद्र के मंत्रियों और प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित अन्य कई नेता जवानों का हौसला बढ़ाने अकादमी पहुंचे और दीक्षांत परेड में हिस्सा लिया। लेकिन मधुबन अकादमी में हरियाणा के कुछ मुख्यमंत्रियों के आने के बाद उनकी कुर्सी चली गई। इसके बाद मुख्यमंत्रियों ने अकादमी में आने से कन्नी काटना शुरू कर दिया। इनमें चौधरी भजन लाल, बनारसी दास गुप्ता समेत अन्य नाम शामिल हैं।
इनकी गई कुर्सी
वर्ष 1986 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल अकादमी पहुंचे थे और 1987 में उनकी सरकार गिर गई। इसके बाद दो मार्च 1991 में जनता दल के मुख्यमंत्री हुकम सिंह अकादमी में पहुंचे और 21 मार्च को उनकी कुर्सी चली गई। उनके बाद ओमप्रकाश चौटाला सीएम बने। साल 2001 में चौटाला यहां आए थे और 2005 में उनकी सरकार चली गई। इसके बाद वह दोबारा सीएम नहीं बन पाए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा 10 साल सीएम रहे, लेकिन एक बार भी मधुबन कांप्लेक्स नहीं आए।