किसान आंदोलन को नई रूपरेखा देने के लिए किसान नेता रणनीति तैयार कर रहे हैं। संयुक्त किसान माेर्चा किसान आंदोलन कर रहे संगठनों के साथ आने को भी तैयार है, मगर उनकी कुछ शर्तें होंगी। इन शर्तों पर एसकेएम की ओर से मंथन शुरू कर दिया है।
हरियाणा पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर अब स्थितियां पहले से अलग नजर आ रही हैं। इसका जिक्र हर कोई कर रहा है। मगर किसान हैं कि सरकार के सामने डटे हैं। दूसरी तरफ सभी किसान संगठनों को एकजुट करने के लिए उद्देश्य से भारतीय किसान यूनियन चढूनी की ओर से बनाई 11 सदस्यीय कमेटी की बैठक चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं के साथ हो हुई।
संयुक्त किसान माेर्चा किसान आंदोलन कर रहे संगठनों के साथ आने को भी तैयार है, मगर उनकी कुछ शर्तें होंगी। इन शर्तों पर एसकेएम की ओर से मंथन शुरू कर दिया है। जल्द ही भाकियू चढूनी की ओर से बनाई कमेटी को अपनी शर्तें बता देंगे। दूसरी तरफ एसकेएम से बातचीत करने के बाद अब कमेटी एसकेएम अराजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा से बात करेगी।
इसके लिए उनसे समय लिया जाएगा। मगर किसान नेताओं की मानें तो अभी तक उन्हें वार्ता के लिए समय नहीं मिला है। ऐसे में दोनों किसान संगठनों का मन लेने के बाद ही कमेटी आगे बढ़ेगी। इसके लिए भाकियू चढूनी अंबाला के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा सशर्त शामिल होगा, वह अपनी शर्तों पर विचार कर रहे हैं। वहीं आंदोलन कर रहे संगठनों से वार्ता के लिए समय लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट ने किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए सभी संगठनों को एकजुट करने के लिए एक 11 सदस्यीय कमेटी बनाई है। जो सभी किसान संगठनों के बीच आंतरिक मतभेदों को दूर कर साथ लाने की कोशिश कर रही है। क्योंकि किसान नेताओं का कहता है कि किसान आंदोलन कर रहे संगठनों और उनकी समान मांगें हैं।