हरियाणा पुलिस व सरकार पर केस करने की तैयारी में किसान

किसानों ने नई रणनीति बनाई है। घायल किसान उपचार के साथ एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) भी कटा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इकसे लिए किसान आंदोलन से जुड़े अधिवक्ता इस ओर काम कर रहे हैं। यह तय है कि इन एमएलआर को लेकर हरियाणा पुलिस के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करा सकते हैं। 

किसान आंदोलन में हिंसा के मामले ने किसान नेताओं को विचलित करने का काम किया है। खासकर खनौरी बॉर्डर पर जो हुआ उस पर शंभू बॉर्डर पर तैनात किसान नेता और जत्थेबंदियां चाहती हैं कि ऐसा न हो। यही कारण है कि वह युवाओं को धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं। वहीं घायलों की बात करें तो शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर दोनों पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारी किसान घायल हैं।

इसके लिए किसानों ने नई रणनीति बनाई है। वह 13 फरवरी से लेकर और अभी तक जितने भी किसान घायल हो रहे हैं। उन्हें नागरिक अस्पताल जरूर भेज रहे हैं। जहां पर घायल किसान उपचार के साथ एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) भी कटा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इकसे लिए किसान आंदोलन से जुड़े अधिवक्ता इस ओर काम कर रहे हैं। यह तय है कि इन एमएलआर को लेकर हरियाणा पुलिस के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करा सकते हैं। अब ये केस पंजाब में ही होंगे या कहीं और यह अभी निर्णय लिया जा रहा है।

अभी तक 125 घायल, सबसे अधिक शंभू बॉर्डर पर
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 13 फरवरी से लेकर अभी तक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर कुल 125 प्रदर्शनकारी किसान घायल हुए हैं। इसमें से सबसे अधिक घायल शंभू बॉर्डर पर ही हुए हैं। किसान नेता महेश चौधरी ने बताया कि किसान आंदोलन में घायल कुल 125 घायलों में से 24 गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं तीन किसानों की आंखों पर बुरी तरह लगी है। वहीं 12 किसानों को पैलेट इंजरी हुई है। इन सभी घायलों की बाकायदा एमएलआर कटवाई गई है। जिससे कि आगामी समय में संबंधित अधिकारियों पर केस दर्ज कराया जाएगा।

खनौरी में कार्रवाई से दिखा आक्रोश
बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर हुई कार्रवाई के बाद वीरवार काे शंभू बॉर्डर पर किसानों में काफी आक्रोश दिखाई दिया। इतना ही नहीं बल्कि बुधवार की रात किसान नेताओं के लिए भी भारी रही। हर जगह खनौरी बॉर्डर पर शहीद हुए किसान के बारे में चर्चा थी। युवाओं को भी किसान नेता समझाते दिखाई दिए, वह बार-बार कह रहे थे कि खनौरी में जो शहीद हुआ वह भी बेटा था और तुम सब भी हमारे बेटे हो। हम नहीं चाहते कि अब और कोई शहीद हो। क्योंकि अगर युवाओं के सामने अभी जिंदगी है।

सुबह होते ही शंभू बॉर्डर से किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, मनजीत राय, अमरजीत मोहड़ी, जगजीत सिंह फूल आदि किसान नेता खनौरी बॉर्डर पर मरने वाले युवा किसान को श्रद्धांजलि अर्पित करने निकल गए थे। किसान नेता रणजीत राजू ने बताया कि शहीद युवा की मौत ने किसानों को आक्रोशित करने का काम किया है। अब आंदोलन और तेजी से चलेगा। हम पूरी तरह से तैयार हैं। जो युवा आक्रोशित थे वह उनका आक्रोश था, उन्हें समझाया जा रहा है। सभी समझ गए हैं और जत्थेबंदियों के निर्देश पर ही आगे बढेंगे।

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