भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में हारी 23 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं। भाजपा ने जीत दर्ज करने के लिए नए चेहरे पर दांव खेला है। पार्टी कांग्रेस विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाना चाहती है।
भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची काफी मंथन के बाद जारी की है। पार्टी के थिंक टैंक ने पिछली बार हारे 23 उम्मीदवारों को मौका नहीं दिया है। इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने नए चेहरों पर दांव खेला है।
पार्टी ने इन उम्मीदवारों को उतारने से पहले हर विधानसभा सीट के जातीय समीकरणों का बारीकी से अध्ययन किया और उसके बाद ही इन पर मुहर लगाई है। दरअसल इन सीटों पर अधिकतर कांग्रेस के विधायक हैं और पार्टी उन्हें दोबारा से मौका देने जा रही है।
भाजपा को लगता है कि इनमें से कई विधायकों के खिलाफ भी सत्ता विरोधी लहर है। ऐसी स्थिति में नया चेहरा देकर पार्टी इन सीटों को जीतने की पूरी कोशिश करेगी। पार्टी ने कालका विधानसभा सीट से अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है।
2019 में भाजपा की लतिका शर्मा इस सीट से चुनाव हार गई थीं। इसी तरह से रादौर से भाजपा के कर्ण देव कांग्रेस के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी ने उनकी जगह श्याम सिंह राणा को मौका दिया है। शाहबाद में भाजपा के कृष्ण कुमार बेदी जजपा के रामकरण काला से करीब 37 हजार वोट से हारे थे।
पार्टी ने इस बार उनकी जगह नया उम्मीदवार सुभाष कलसाना को मौका दिया है। वहीं, कुरुक्षेत्र की लाडवा से सीट से पार्टी ने सीएम नायब सिंह सैनी को मैदान में उतारा है। पिछला चुनाव भाजपा के डा. पवन सैनी हार गए थे। इसी तरह से समालखा से भाजपा के शशिकांत कौशिक कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्कर से चुनाव हार गए थे।
पार्टी ने कौशिक की जगह मनमोहन भड़ाना को मौका देकर चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने खरखौदा से पवन खरखौदा, सोनीपत से निखिल मदान, गोहाना से पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को भी मौका दिया है। इन तीनों पर भाजपा की करारी हार हुई थी।
इसी तरह से पार्टी ने कालांवली, रानिया, उचाना कलां, सफीदों, दादरी, तोशाम, महम, गढ़ी सांपला-किलोइ, कलानौर, बहादुरगढ़, झज्जर, मुलाना व अन्य सीटों पर पुराने चेहरों के बजाय नए चेहरे को मौका दिया है। वहीं पार्टी को जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के खिलाफ भी सत्ता विरोधी लहर दिखी तो उन्हें भी पार्टी ने हटा दिया है।
इन सीटों पर हारे उम्मीदवार पर जताया
हालांकि भाजपा ने कुछ हारी सीटों पर पुराने उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। बादली से पार्टी ने अपने पुराने नेता ओम प्रकाश धनखड़ पर दांव खेला है। धनखड़ पिछला चुनाव हार गए थे। वहीं, नारनौंद से वरिष्ठ नेता कैप्टन अभिमन्यु को उतारा है। वह भी पिछला चुनाव हार गए थे। राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार इसराना विधानसभा सीट से बहुत बड़े अंतर से चुनाव हारे थे। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया है।
राव इंद्रजीत के समर्थकों को मिला है टिकट
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत को साधने की पूरी कोशिश की है। सूची में उनके समर्थकों के भी नाम है। इसके साथ ही उनकी बेटी को आरती राव को भी टिकट दिया है। वह पिछली बार भी अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे, मगर पार्टी ने नहीं दिया। पार्टी के उनके समर्थक सोहना से तेजपाल तंवर को टिकट दिया है।
वह 2014 में इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। वह राव इंद्रजीत के खेमे से हैं। कोसली से नए चेहरे अनिल दहिना को टिकट मिला है। वह भी केंद्रीय राज्य मंत्री के खास हैं। बताया जा रहा है कि राव अनिल के लिए काफी हद तक अड़े रहे थे।