प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कृषि और रेलवे से जुड़ी 6 अहम और बड़ी घोषणाएं हुईं। इनमें दो कृषि और चार रेलवे से जुड़ी हैं। बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को मजबूती देने कुल 6,520 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई। इसमें 1,920 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट भी शामिल है।
यह राशि 15वें वित्त आयोग चक्र (Finance Commission Cycle 2021-22 से 2025-26) के लिए स्वीकृत की गई है। बता दें कि पीएम किसान संपदा योजना एक व्यापक पैकेज है, जिसका उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करना है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टी ट्रैकिंग योजनाओं को मंजूरी दी।
इन परियाजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन (मध्य प्रदेश), औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण (महाराष्ट्र), आलुआबाड़ रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन (पश्चिम बंगाल), और डांगोआपोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन (झारखंड) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं से इंडियन रेलवे का नेटवर्क करीब 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित कीमत 11,169 करोड़ रुपए है, जो साल 2028-29 तक पूरी हो जाएंगी।
कैबिनट में क्या-क्या हुआ मंजूर?
कैबिनेट में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन यूनिट की स्थापना के लिए 1,000 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई। यह यूनिट्स फलों, सब्जियों, मसालों और अन्य खाद्य वस्तुओं को सुरक्षित और लंबे समय तक टिकाऊ बनाने में मदद करेंगी। इससे सालाना 20 से 30 लाख मीट्रिक टन (LMT) तक के खाद्य उत्पाद संरक्षित किए जा सकेंगे।
कैबिनेट में 100 फूड टेस्टिंग लैब्स बनाने की मंजूरी दी गई। इन लैब्स को NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) से मान्यता प्राप्त किया जाएगा। इसके लिए भी 1,000 करोड़ रुपए में से राशि खर्च की जाएगी। इससे खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा, अन्य योजनाओं के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के लिए 920 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
किसे होगा फायदा?
किसान- उनकी उपज अब लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेगी और मूल्य संवर्धन (Value Addition) से उन्हें बेहतर दाम मिल सकता है।
फूड प्रोसेसिंग कंपनियां और निजी निवेशक- इरेडिएशन यूनिट्स और लैब्स लगाने के लिए अवसर बढ़ेंगे।
उपभोक्ता- सुरक्षित, जांचा-परखा और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलेगा।
रोजगार- इन प्रोजेक्ट्स के जरिए अलग-अलग राज्यों में नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
केंद्र सरकार का यह फैसला फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूती देने, किसानों की आमदनी बढ़ाने और उपभोक्ताओं को बेहतर खाद्य उत्पाद देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। PMKSY के तहत संरचना विकास, खाद्य सुरक्षा और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।