अमेरिका में H-1B वीजा पर डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्ती का असर भारत में शुरू हो चुका है। यहां IT सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। बहुत से लोगों को नोटिस भी थमा दिया गया है। दरअसल, कंपनियां संभावित तौर पर अमेरिका से वापस भेजे जाने वाले 5 लाख इंजिनियर्स के लिए अपने यहां जगह बनाना चाहती हैं।
तेलंगाना इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी असोसिएशन के फाउंडर संदीप मकथाला ने बताया, ‘अमेरिकी प्रस्ताव को देखते हुए कई IT कंपनियां सूची तैयार करने में जुटी हैं कि किसे रखना है और किसे हटाना है। जो इंजिनियर्स अमेरिका से वापस आएंगे वे यहां मौजूद एंप्लॉयीज के लिए चुनौती पेश करेंगे। एवरेज परफॉर्मर्स को भी या तो खुद नौकरी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है या फिर 60 दिन का नोटिस थमाया जा रहा है।’
H-1B वीजा नियमों में बदलाव से किसी भी देश के मुकाबले भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। सालाना जारी होने वाले 85 हजार H-1B वीजा में से 50 प्रतिशत भारतीय वर्कर्स को जारी होते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर पिछले 6 साल की बात करें तो लगभग 2,55,000 भारतीय अमेरिका में H-1B वीजा के जरिए काम कर रहे हैं। पिछले एक दशक में लाखों H-1B वीजा होल्डर्स ग्रीन कार्ड का आवदेन कर H-1B विस्तार का लाभ उठा रहे हैं।
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