घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि शुरआती चरण में जीएसटी की ओर बदलाव से कंपनियों का कार्यशील पूंजी का चक्र प्रभावित होगा. ऐसे में कम से कम दो से चार महीने तक आसानी से उपलब्ध नकदी की जरूरत होगी.
जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी प्रावधान होना जरूरी था
सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के एक जुलाई से लागू होने तक व्यवसायिक जगत से कीमत वृद्धि पर रोक लगाने को कहा है. सरकार का कहना है कि इस प्रकार की वृद्धि से बाद में संबद्ध प्राधिकरण द्वारा बही खाते की जांच हो सकती है. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी निरोधक प्रावधान जरूरी था. ताकि करो में कमी का लाभ ग्राहकों को मिलना सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा, मेरा उन्हें सुझाव है कि जीएसटी के क्रियान्वयन तक वे कीमत वृद्धि को रोक सकते हैं तो अच्छा है, अन्यथा यह लागत वृद्धि का गंभीर मुद्दा होगा.
अधिया ने कहा, अगर लागत के नाम पर कीमत बढ़ाते हैं तो आगे इसकी जांच की जा सकती है. जीएसटी कानून में एकमुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनियां कर में कटौती का लाभ ग्राहकों को दें. बता दें कि पिछले सप्ताह जीएसटी परिषद ने 1200 से अधिक वस्तुओं तथा 500 सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत कर स्लैब में रखा.