दिवाली पर अधिकतर घरों में रंगोली बनाई जाती है.रंगोली में बने स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मी जी के पदचिह्न शुभ माने जाते हैं. दिवाली पर घर आंगन को सजाने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं लेटेस्ट रंगोली डिजाइन्स
दिवाली इस बार 14 नवंबर को है. दिवाली पर घरों को वंदनवार और फूलों से सजाया जाता है. इसी के साथ मां लक्ष्मी के आगमन पर उन्हें खुश करने के लिए मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है. दिवाली पर अधिकतर घरों में रंगोली बनाई जाती है. इसे त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव, विवाह जैसे शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में द्वार पूजन की परम्परा प्राचीन काल से रही है. वहीं कई जगहों पर सत्यनारायण भगवान की कथा के दिन आटे से चौक पूरन की परम्परा है. दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के दरवाजे पर अलग-अलग रंगों से रंगोली बनाई जाती है. इसमें साधारण चित्र और आकृतियां हो सकती हैं या फिर देवी-देवताओं की आकृतियां भी बनाई जा सकती हैं. रंगोली में बने स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मी जी के पदचिह्न देख कर मन खुश होता है. दिवाली 2020 (Diwali 2020) पर घर आंगन को सजाने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं लेटेस्ट रंगोली डिजाइन्स
दिवाली पर अधिकतर घरों में रंगोली बनाई जाती है. इसे त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव, विवाह जैसे शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है.

रंगोली में साधारण चित्र और आकृतियां हो सकती हैं या फिर देवी-देवताओं की आकृतियां भी बनाई जा सकती हैं. रंगोली में बने स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मी जी के पदचिह्न देख कर मन खुश होता है.

ये चिह्न समृद्धि और मंगलकामना का संकेत भी करते हैं. इसीलिए कई घरों, देवालयों में हर दिन रंगोली बनाई जाती है. घर की महिलाएं बड़े प्रेम के साथ रंगोली बनाती हैं और ईश्वर की पूजा करती हैं.

रंगोली संस्कृत के एक शब्द रंगावली से लिया गया है. इसे बंगाल में अल्पना भी कहा जाता है.
भारत में इसे सिर्फ त्योहारों पर ही नहीं, बल्कि शुभ अवसरों या फिर पूजा पर भी बनाया जाता है. मान्यता है कि रंगोली देखकर आने वाला मेहमान या फिर भगवना खुश होते हैं. ये उनके स्वागत के लिए होता है.
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