लंदन: दुनिया के सबसे अमीर सात देशों ने बड़ी बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों पर ज्यादा टैक्स लगाने का फैसला किया है. जी-7 समूह ने गूगल, फेसबुक, एपल और अमेजन जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों पर 15 फीसदी तक टैक्स लगाने के लिए ऐतिहासिक वैश्विक करार पर हस्ताक्षर किए हैं. जी-7 समूह में शामिल सात देश हैं- ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान.
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि जी-7 समूह के देशों के वित्त मंत्रियों ने लंदन में बैठकों के दूसरे और अंतिम दिन करार पर हस्ताक्षर किए. सुनक ने कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि कई सालों के विचार-विमर्श के बाद जी-7 के वित्त मंत्रियों ने आज वैश्विक कराधान प्रणाली में सुधार के लिए ऐतिहासिक करार किया है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सही कंपनियां सही स्थान पर सही कर का भुगतान करें.”
अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन भी लंदन की बैठकों में शामिल हुईं. येलेन ने कहा कि यह करार 15 फीसदी की वैश्विक दर तक पहुंचने की प्रक्रिया को गति देगा. इससे कर घटाने की उल्टी स्पर्धा रुकेगी. अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों में मध्यम वर्ग और कामकाजी लोगों के साथ न्याय सुनिश्चित हो सकेगा.
शिखर बैठक में लगेगी मुहर
वित्त मंत्रियों की यह बैठक जी-7 के नेताओं की सालाना शिखर बैठक से पहले हुई है. इस करार पर जी7 की शिखर बैठक में मुहर लगेगी. शिखर सम्मेलन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन की अध्यक्षता में 11-13 जून तक कोर्नवाल में आयोजित किया जाएगा. ब्रिटेन दोनों बैठकों की मेजबानी कर रहा है. जी-7 पर कम आय वाले देशों को टीका उपलब्ध कराने के लिए दबाव पड़ रहा है. टैक्स के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा वैश्विक 15 फीसदी के टैक्स रेट के विचार को समर्थन के बाद शुरू हुई थी.