फीफा वर्ल्ड कप 2018 में फ्रांस ऊरुग्वे को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है. 2006 के बाद यह पहला मौका है जब फ्रांस सेमीफाइनल का सफर तय करने में कामयाब हुई है.
मैच शुरू होने से पहले ही उम्मीद की जा रही थी कि मुकाबला दोनों टीमों के डिफेंस के बीच होगा. फ्रांस की टीम हालांकि उरुग्वे से थोड़ा बेहतर साबित हुई और इसलिए जीत उसकी झोली में आई. वहीं उरुग्वे को अपने चोटिल स्ट्राइकर एडिसन कावानी की कमी जरूर खली जो चोट के कारण इस मैच में नहीं उतरे. असर यह हुआ कि उनके न रहने से लुइस सुआरेज को फ्रांस के डिफेंस ने कमजोर कर दिया.
फ्रांस और उरुग्वे की टीमें ज्यादा मौके नहीं बना पाईं और जो मौके बने, वो भी ज्यादा करीबी नहीं थे. कुछ हद तक फ्रांस ने उरुग्वे के डिफेंस को ज्यादा आजमाया. फ्रांस के खिलाड़ी उरुग्वे के घेरे में जाने की कोशिशें कर रहे थे, लेकिन डिएगो गोडिन के नेतृत्व वाला डिफेंस दीवार की तरह खड़ा थो जो मौकों को फिनिश नहीं होने दे रहा था.
पहले हाफ में ही फ्रांस ने बनाई बढ़त
15वें मिनट में फ्रांस के कीलियन म्बापे ने गोल के सामने से गेंद को नेट में डालने का मौका गंवा दिया. 35वें मिनट में भी फ्रांस के पास मौका था और इस बार उसके लिए अच्छी बात यह थी कि उरुग्वे के खिलाड़ी पेनाल्टी एरिया में ज्यादा करीब नहीं थे. पॉल पोग्बा ने बाएं तरफ से गेंद को पेनाल्टी एरिया में डाला लेकिन एंटोनी ग्रीजमैन और ओलिविएर जिरोड वहां गेंद को लेने के लिए मौजूद नहीं थे.
आखिरकार 40वें मिनट में डिफेंडर राफेल वारन ने उरुग्वे के डिफेंस को चालाकी से भेद दिया. इस मिनट में फ्रांस को फ्री किक मिली जिसे ग्रीजमैन ने बॉक्स में डाला. वरान ने उरुग्वे के डिफेंडरों के सामने से आकर हेडर के जरिए गेंद को नेट में डाल फ्रांस को 1-0 से आगे कर दिया.
बराबरी का मौका उरुग्वे को भी मिला था. 44वें मिनट में उरुग्वे के हिस्से कॉर्नर आया. टोरेरिया की किक पर काकेरस ने हेडर लगाया. लेकिन, फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लोरिस ने डाइव मार उरुग्वे से यह मौका छीन लिया.