प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोटाले के लिए एक अपरंपरागत तरीका अपनाते हुए गीतांजलि जेम्स के 34 हजार पीस हीरे और सोने के जेवर वापस भारत मंगवाकर जब्त कर लिए। इनकी कीमत 85 करोड़ रुपए आंकी जा रही है और इन्हें दुबई के गोडाउन में रखा गया था।
संभवतः यह पहला मामला है जब ईडी ने कीमती सामानों को सुरक्षित तरीके से वापस मंगाने के लिए इस तरह का तरीका अपनाया है। आरोपी उन्हें एक अलग स्थान पर ले जाए इससे पहले ही ईडी ने बड़ी चतुराई से अपराध की इन चीजों को भारत मंगाकर जब्त कर लिया।
आम तौर पर, एजेंसी ऐसे मामलों में सहायता के लिए संबंधित देश में प्रवर्तन अधिकारियों से अनुरोध करती है। इसके लिए अधिकारियों ने कंपनी के दो कर्मचारियों को आभूषण को ‘आयात’ करने के लिए कहा। दरअसल, ईडी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अधिकारियों के साथ मेहुल चौकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी द्वारा लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिये किए गए 12,700 करोड़ रुपये के मनी लॉंडरिंग मामले की जांच कर रही है।
इस मामले में, एजेंसी को अपने सोर्स से पता चला कि दुबई में गीतांजली वेंचर्स के गोदाम में हीरे और गहने रखे हुए हैं। उन्होंने चोकसी के कर्मचारियों में से एक को गोदाम के संरक्षक को मुंबई में बुलाए जाने के लिए कहा और फिर आभूषणों के बारे में ब्योरा इकट्ठा किया। उन्होंने उन्हें आभूषण वापस सामान्य आयात के रूप में लाने के लिए तैयार किया।
हालांकि, कर्मचारी शुरुआत में इसके लिए तैयार नहीं थे और उन्होंने कहा कि वे केवल चौकसी के निर्देशों पर ही आभूषण ले जा सकते हैं। मगर, ईडी अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके नेटवर्क के माध्यम से उन्होंने यह पता चला है कि आभूषण को गोदाम से नहीं बदला गया था। इसके बाद इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए, दोनों कर्मचारी भारत में आभूषण आयात करने की बात पर राजी हो गए।
बाद में, कर्मचारियों ने ईडी अधिकारियों से कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई के डर के कारण कोई कस्टम हाउस एजेंट आभूषण आयात करने के लिए तैयार नहीं था। ईडी अधिकारियों ने एजेंट्स के साथ कई दौर की बैठक की और उन्हें भी इसके लिए राजी कर लिया। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि रास्ते में कीमती सामान कहीं लापता नहीं हो, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया। उन्हें निकासी के लिए सीमा शुल्क विभाग के सामने लाए जाने के बाद अटैच कर लिया।