नई दिल्ली: कृषि कानूनों को रद्द करने का मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। आज आंदोलन का 11वां दिन है। इससे पहले किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बैठक हुई लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। लिहाजा कोई हल नहीं निकल सका। अब अगले यानी छठे दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होगी। इससे पहले किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वह दिल्ली की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे।
किसानों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की हुई बैठक में किसान अपनी मांगों से टस से मस नहीं हुए। तकरीबन साढ़े चार घंटे तक चली इस बैठक में किसान प्रतिनिधि आखिर तक कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। आखिर में उन्होंने सरकार के सामने ‘हां या ना’ का विकल्प रख दिया। कुछ देर तक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने दो साथियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग से बैठक की लेकिन इसके बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी। अब अगले दौर की वार्ता 9 दिसंबर को होगी।
बातचीत के दौरान किसान संगठनों के नेता नये कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े रहे और इस मुद्दे पर सरकार से ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब की मांग करते हुए ‘मौन व्रत’ पर चले गये। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। तीन केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चार घंटे से अधिक देर तक चली बातचीत के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे के समाधान के लिए अंतिम प्रस्ताव पेश करने के वास्ते आंतरिक चर्चा के लिए और समय मांगा है। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार बैठक में मौजूद 40 कृषक नेताओं से उनकी प्रमुख चिंताओं पर ठोस सुझाव चाहती थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके सहयोग से समाधान निकाला जाएगा।
बताया जा रहा है कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वो हिंसा के रास्ते पर जा सकते हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम अहिंसा के रास्ते पर नहीं रह पाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं?
वहीं बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संघ के नेताओं के साथ अच्छे माहौल में चर्चा हुई। हमने कहा है कि MSP जारी रहेगी। MSP पर किसी भी प्रकार का खतरा और इस पर शंका करना बेबुनियाद है लेकिन फिर भी किसी के मन में कोई शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। APMC एक्ट राज्य का है और राज्य की मंडी को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का इरादा न तो हमारा है और न वो कानूनी रूप से वो प्रभावित होती है। APMC और मजबूत हो इस दिशा में सरकार के लिए जो करना है, वह करने के लिए भी सरकार तैयार है। इसमें किसी को गलतफहमी है तो सरकार समाधान करने के लिए तैयार है। आज तमाम विषयों पर बात होती रही और हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर स्पष्टता से कुछ सुझाव हमें मिल जाएं लेकिन बातचीत के दौर में यह संभव नहीं हो सका। अब 9 तारीख को फिर से बैठक होगी।