कांग्रेस नेता शशि थरूर अक्सर ट्विटर पर अंग्रेजी के ऐसे शब्द, मुहावरों को पेश करते हैं जिनका अर्थ अच्छे-खासे अंग्रेजीदां लोगों को भी नहीं पता होता. बाकायदा ऐसे शब्दों का अर्थ तलाशने के लिए डिक्शनरी(Dictionary) यानी शब्दकोश की मदद लेनी पड़ती है. इसी कड़ी में केरल के तिरुअनंतपुरम से लगातार दूसरी बार लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने मंगलवार को ट्विटर पर एक ऐसे शब्द का Lalochezia का इस्तेमाल किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”हर दिन ट्विटर पर मैं Lalochezia(लैलोचेजिया) से पीडि़त लोगों से मिलता हूं. ऐसे लोग अपनी पीड़ा मुझे और मेरे विचारों का समर्थन करने वालों तक पहुंचाना चाहते हैं.”
ट्रोल करने वालों पर निशाना
दरअसल अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शशि थरूर ने इस ट्वीट के माध्यम से खुद को ट्रोल करने वालों पर निशाना साधा है. ऐसा कई बार हुआ है कि शशि थरूर को ट्रोल किया गया है. उन्हीं लोगों पर तंज कसते हुए शशि थरूर ने यह बात लिखी. ऑनलाइन कोलिंस डिक्शनरी में  Lalochezia का आशय गाली या अभद्र शब्दों का इस्तेमाल कर अपनी भावनाओं को रिलीज करने से है.
Why I am a Hindu
उल्लेखनीय है कि शशि थरूर ने हाल ही में एक किताब ‘Why I am a Hindu’ (व्हाई आई एमए हिंदू) लिखी है. इसके कारण वह सुर्खियों में हैं. इस किताब के माध्यम से कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि मौजूदा दौर में हिंदू विचारधारा को ‘हाईजैक’ कर लिया गया है और उसे उसके मूल अर्थ में समझा जाना चाहिए. उन्होंने इसके बहुत संकीर्ण सोच वाले राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किए जाने पर चिंता जताई है. हिंदू धर्म पर अपनी समझ के बारे में थरूर ने एक पुस्तक लिखी है. उन्होंने कहा है कि उन्हें यह सुझाव देने वाले लोगों पर गर्व नहीं है, जो कहते हैं कि सिर्फ एक हिंदू –”और सिर्फ एक खास तरह का हिंदू”– ही एक असली भारतीय हो सकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें उन हिंदुओं पर गर्व है जो हिंदू सांप्रदायिकता को सिरे से खारिज करते हैं, जो इस बात को लेकर सचेत हैं कि बहुसंख्यक की सांप्रदायिकता  विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि यह खुद को राष्ट्रवादी के तौर पर पेश कर सकती है.
थरूर के मुताबिक उनकी पुस्तक हिंदुत्व विचारधारा को इसके खुद के पैरोकारों के शब्दों में फिर से बयां करने की एक कोशिश है. इस पुस्तक को एलेफ ने प्रकाशित किया है. उन्होंने हिंदू को एक धर्म और हिंदुत्व को एक राजनीतिक परियोजना बताते हुए कहा कि हिंदुत्व शब्दावली ईजाद करने वाले सावरकर ने विशेष रूप से लिखा था कि वह एक बहुत धार्मिक व्यक्ति नहीं है और नहीं चाहते कि लोग हिंदुत्व और हिंदू के साथ भ्रमित हों. यह पूछे जाने पर कि वह असली हिंदू किन्हें मानते हैं, थरूर ने कहा है कि इसका आसान जवाब नहीं है. आप इस शब्द को सीमित नहीं कर सकते.
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