नई दिल्लीः असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा जनसंख्या के मुद्दे पर चर्चा के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने शनिवार को कहा कि बैठक में 150 मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पिछले 1 महीने के दौरान मैं ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के दोनों गुटों से मिला और सभी ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि एक समस्या है और हमें इसे हल करने की जरूरत है. असम में इस पर कोई विवाद नहीं है.
मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा, “वे (बाहरी लोग) स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं और केवल इसलिए विवाद पैदा करते हैं क्योंकि बीजेपी सीएम ने ऐसा कहा है. यह कोई विवाद नहीं हो सकता है. अगर कोई अल्पसंख्यक लोगों के बीच गरीबी और अशिक्षा को खत्म करने की कोशिश कर रहा है तो लोगों को स्वागत करना चाहिए.”
जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों की पॉलिसी पर काम कर रही राज्य सरकार
सरमा ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार दो बच्चों के नियम के साथ एक जनसंख्या नीति पेश करेगी और इसका पालन करने वाले परिवारों को लाभ देगी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय राज्य में 29 प्रतिशत (दशक) की उच्च दर से बढ़ रहा है जबकि हिंदुओं ग्रोथ रेट 10 प्रतिशत है. सरमा ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ जनसंख्या नियंत्रण उपायों पर चर्चा करेंगे और इन उपायों के प्रसार का आग्रह करेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राज्य में मुस्लिम समुदाय में गरीबी और अशिक्षा को मिटाने के लिए दो बच्चे की नीति ही एकमात्र रास्ता है. उन्होंन कहा कि समुदाय की ओर से कोई विरोध नहीं है.
मुस्लिम समुदाय के नेताओं को सरकार की नीति समझा रहे सरमा
सरमा सरकार की नीति के बारे में मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें समझाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन जैसे संगठनों ने स्वीकार किया कि राज्य में मुसलमानों को जनसंख्या नियंत्रण उपायों की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार का पहला लक्ष्य स्वास्थ्य और शैक्षिक पहल का विस्तार करना और ऐसे कदमों के माध्यम से मुस्लिम आबादी की वृद्धि को रोकना है.