आदमखोर कुत्तों के आतंक से सहमे खैराबाद व मछरेहटा के पीडि़तों को शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदनाओं और अपनेपन का मरहम लगाया तो टीस पिघलती दिखी। मुख्यमंत्री सीतापुर इन्हीं पीडि़तों का हालचाल लेने आये थे। यहां 12 बच्चे आदमखोर कुत्तों का शिकार बन चुके हैं, कई घायल भी हैं।
दोपहर करीब 12:58 बज रहे थे। सूरज पूरे शबाब पर था। जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में बनी मीडिया गैलरी में सभी सीएम के आने का इंतजार कर रहे थे। तभी कुछ गाडिय़ां आकर ठहरती हैं। पुलिस अफसर हाथों से इशारा करते हैं और सब अलर्ट हो जाते हैं। मीडिया गैलरी में भी रस्सियां (बैरीकेडिंग) खींच दी जाती हैं। कुछ ही पल में सीएम की झलक मिलती है। गाड़ी से उतरकर वे सीधे न्यू बिल्डिंग में सीढिय़ां चढ़कर स्पेशल वार्ड में दाखिल होते हैं।
फेस मास्क बांधते हुए घायल अभिषेक (सात) की तरफ बढ़ते हैं। मुख्यमंत्री को देखकर अभिषेक के बाबा शिवनरायन हाथ जोड़कर लडख़ड़ाती जुबान से कहते हैं परनाम…। सीएम पूछते हैं, कैसे हो गया था ये…। शिवनरायन बताते हैं, खेत में काम कर रहे थे और अभिषेक खेल रहा था। इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने हमला बोल दिया… उन्हें रोककर मुख्यमंत्री फिर पूछते हैं… कुत्ते ही थे? आपने देखा है? जवाब आता है- हां।
अब शिवनरायन हमले की कहानी बताकर बच्चे के जख्म दिखाने लगते हैं। मुख्यमंत्री बच्चे को पुचकारते हुए कहते हैं, ‘का नाम है रे…। अभिषेक कुछ बोल नहीं पाता। वह घाव देखकर सीएमएस एके अग्रवाल से ट्रीटमेंट की जानकारी लेते हैं।
अब डीएम शीतल वर्मा सीएम को वार्ड में भर्ती दूसरे बच्चे अमन (नौ) के बारे में बताती हैं। मुख्यमंत्री वहां जाकर पहले मां और फिर बच्चे से बात करते हैं। अमन बताता है कि सात कुत्ते थे। इसके इलाज के बारे में पूछकर मुख्यमंत्री बढऩे लगते हैं तो उन्हें मां सुमन की गोद में अमन का छोटा भाई नजर आ जाता है। वह उसका गाल पकड़कर दुलारते हुए नाम पूछते हैं। मां जवाब देती है- आदर्श। मुख्यमंत्री पूछते हैं कि यह स्कूल जाता है तो मां चुप हो जाती है।
उम्र पूछते हैं तो मां चार साल बताती है। इसके बाद सीएम उसे अगले साल स्कूल भेजने की सलाह देते हैं। बनियान पहनकर मां की गोद में बैठे आदर्श को योगी बताते हैं कि स्कूल जाना… वहां कॉपी-किताब-खाना सब मिलेगा…। फिर मुख्यमंत्री गुरपलिया जाकर खालिद, मोबीन और सलोनी के परिवारीजन से मिलते हैं। वह उन्हें सुरक्षा और मदद का आश्वासन देते हैं।
नंद किशोर का इलाज कराएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में एक अन्य मरीज नंदकिशोर यादव की भी पीड़ा पूछी। उसके हाथ बेड में बंधे थे। परिवारीजन ने बताया कि एक हादसे में रीढ़ की हड्डी में नसों के दब जाने से वह बेड पर ही है। कई जगह इलाज कराया। पैसे नहीं बचे तो जिला अस्पताल ले आए। इस पर मुख्यमंत्री ने डीएम से इलाज का इस्टीमेट बनाकर फाइल भेजने के निर्देश दिए। नंद किशोर यादव का इलाज उप्र सरकार कराएगी।