राज्य सरकार हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जो इस दिशा में काम कर रही है। यह कहना है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का। उन्होंने यह बात विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, गढ़ी कैंट में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अल्पसंख्यक आयोग की पुस्तिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, आज का दिन देश की एकता और अखंडता के संरक्षण व संवर्धन के लिए हमारे मौलिक कर्तव्यों को याद करने का दिन है। देश की एकता और अखंडता का मूल भी हमारी यही सांस्कृतिक विभिन्नताओं में पाए जाने वाली एकरूपता है। अनेकता में एकता का यही भाव देश को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है।
हमारी भारतीय संस्कृति सभी पंथ मार्ग, संप्रदायों का सम्मान करने की रही है। सीएम ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की संस्कृति व सामर्थ्य का विस्तार पूरे विश्व में हो रहा है। उनके दिए गए मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से नए भारत में हर वर्ग के सशक्तीकरण का प्रयास किया जा रहा है।
अभी तक 18 करोड़ की धनराशि स्वीकृत
राज्य में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व बढ़ाए जाने एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। सरकार ने अल्पसंख्यक क्षेत्रों में मांग के अनुसार आर्थिक व शैक्षणिक विकास के लिए अल्पसंख्यक विकास निधि की स्थापना की है, जिसके तहत अभी तक 18 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। मुख्यमंत्री हुनर योजना के माध्यम से गांवों की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।
राज्य में जल्द लागू होगी समान नागरिक संहिता
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में समान नागरिक संहिता को जल्द लागू किया जाएगा। इस दिशा में काम किया जा रहा है। 2025 तक उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए सभी को सहयोग देना होगा। कार्यक्रम में उत्तराखंड अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष आरके.जैन, उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह, मजहर नईम, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी, डीजीपी अभिनव कुमार आदि मौजूद रहे।
सीएम ने दिया तोहफा: शादाब
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा, विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर सीएम का तोहफा मिला है। सीएम ने मॉडल मदरसों का नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की अनुमति दी है। यह मदरसे राष्ट्रवादी सोच के मॉडल मदरसे होंगे।
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