उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार विपक्षियों के निशाने पर है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पुलिस वीक में सीनियर अफसरों को सम्बोधित कर उन्हें कानून व्यवस्था व जनता के प्रति व्यवहार सुधारने की की नसीहत दे रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री की बातों का अफसरों पर कितना असर आ रहा है ये भाषण के दौरान देखने को नजर आया। यूपी 100 भवन में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था और अपराध की चर्चा करते हुए कहा कि जब पुलिस के कामकाज में सरकार का कोई दखल नहीं है तो रिजल्ट क्यों नहीं आ रहा है? बीते सालों से अपराध की तुलना न करें। अपराध हर हाल में कम होने चाहिए। पुलिस की एक लापरवाही पूरे महकमे और सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर देती है। मुख्यमंत्री सीनियर अफसरों को नसीहत दे रहे था वही इस दौरान उनके सामने ही वरिष्ठ पुलिस अफसर सोते रहे। मुख्यमंत्री अफसरों को नसीहत दे रहे थे कि पुलिस वाले जनता का बल बनें, उनके लिए बला न बनें, लेकिन इस दौरान सम्मेलन में मौजूद नीलाब्जा चौधरी, डीपीएन पांडे समेत कई अफसर सोते या जम्हाई लेते रहे। पुलिस अफसरों के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये पर आला अधिकारी कोई भी टिप्पणी करने से कतराते रहे। कई बार कॉल करने के बाद भी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने फोन नहीं उठाया।
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब पुलिस के कामकाज में सरकार का कोई दखल नहीं है तो रिजल्ट क्यों नहीं आ रहा है? बीते सालों से अपराध की तुलना न करें। अपराध हर हाल में कम होने चाहिए। पुलिस की एक लापरवाही पूरे महकमे और सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर देती है। उन्होंने कहा मुझे आश्चर्य होता है कि आज भी मुझे इन सब मामलों में बार-बार फोन करने पड़ते हैं। इसकी आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। अगर आम आदमी की शिकायतें प्रतिदिन सुनी जाएं और उसका समयबद्ध समाधान हो तो समस्या अपने आप कम हो जाएंगी।
पुलिस को अपने मानवीय चेहरे को सुधारने की जरूरत
– योगी ने कहा कि पुलिस को अपने मानवीय चेहरे को सुधारने की भी जरूरत है। उन्होंने दोहराया कि खराब छवि तथा अपराधियों से साठगांठ रखने वाले इंस्पेक्टर को थाने की जिम्मेदारी न दें। जहां बार-बार घटनाएं हो रही हैं उन पर भी कार्रवाई करें। आप लोगों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
– मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा काम करने वाले पुलिस कर्मियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। हम अच्छे कामों को कैसे हाईलाइट कर सकें, इसके बारे में भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो काम दूसरे किसी राज्य की पुलिस ने किया हो और आप उसे अपना बता कर प्रचारित करने लगें। इससे आपकी ही फजीहत होगी।
– मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी किसी खराब पुलिस अधिकारी की पोस्टिंग हो जाती है। जब उसके खिलाफ कार्रवाई होती है तो संबंधित जिले के लोग भगवान को प्रसाद चढ़ाते हैं कि ‘चलो मुक्ति मिली’। इसी तरह अच्छा काम करने वाले अफसरों के तबादले पर भी लोग बताते हैं कि साहब वह अच्छा अफसर था, उसे कुछ दिन और रहने देते।