केरल के सोना तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को विशेष अदालत में अंतरिम आरोप पत्र दाखिल किया। इसके मुताबिक मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से छह बार मुलाकात की थी और वह उसकी नियुक्ति के बारे में जानते थे। यह तथ्य सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
स्वप्ना सुरेश के अलावा आरोपित पीएस सरीथ और संदीप नायर के खिलाफ यह आरोप पत्र दाखिल किया गया है। तीनों ही जुलाई से न्यायिक हिरासत में हैं। आरोप पत्र में ईडी ने स्वप्ना के हवाले से बताया कि उसने अब निलंबित आइएएस अधिकारी एम. शिवशंकर की उपस्थिति में छह बार मुख्यमंत्री विजयन से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री स्पेस पार्क प्रोजेक्ट में 1.5 लाख रुपये प्रति माह के वेतन पर उसकी नियुक्ति के बारे में जानते थे। हालांकि विजयन इससे इन्कार करते रहे हैं।
आरोप पत्र के मुताबिक, अगस्त, 2019 में स्वप्ना ने संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास से इस्तीफा दे दिया था और नौकरी पाने के लिए मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रधान सचिव शिवशंकर से मदद मांगी थी। शिवशंकर ने उसे स्पेस पार्क प्रोजेक्ट में भर्ती के लिए प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड में आवेदन करने को कहा था। इसमें संदर्भ के तौर पर स्वप्ना ने शिवशंकर का नाम लिखा था और अक्टूबर, 2019 में उसका चयन कर लिया गया था। स्वप्ना ने बताया कि आधिकारिक तौर पर वह शिवशंकर से आठ बार मिली थी, लेकिन अनाधिकारिक तौर पर उनकी कई बार मुलाकातें हुई थीं। अपने बयान में उसने यह भी बताया कि सोने की तस्करी के लिए एक अन्य मुख्य आरोपित रमीस ने उससे और सरीथ से संपर्क किया था।
आरोप पत्र में ईडी ने शिवशंकर के खिलाफ विस्तृत जांच की जरूरत भी बताई है क्योंकि स्टेट बैंक में लॉकर उपलब्ध कराने में उन्होंने स्वप्ना की मदद की थी और सोना तस्करी से हासिल लाभ को रखने के लिए इसी लॉकर का इस्तेमाल किया गया था। ईडी को 12 और 15 अगस्त को दिए बयान में शिवशंकर ने माना था कि उन्होंने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट पी. वेणुगोपाल के साथ संयुक्त रूप से स्वप्ना को बैंक लॉकर उपलब्ध कराने में मदद की थी। हालांकि उन्होंने स्वप्ना के पास बड़ी मात्रा में नकदी होने की जानकारी से इन्कार किया था।