राज्य

खेल मैदान में अजगर दिखने से लोगों में मची अफरा-तफरी

रात को खेल मैदान में अजगर दिखने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कुछ साहसी युवकों ने उसे पकड़कर जंगल में छोड़ दिया। कैनाल शारदा इंटर कालेज के समीप खेल मैदान में गत रात्रि कुछ लोग टहल रहे थे। इस दौरान लोगों की नजर एक अजगर पर पड़ी। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों के शोर मचाने पर मौके पर भीड़ जमा हो गई। इस दौरान कुछ युवकों ने अजगर को पकड़ने का प्रयास किया। इसमें वे सफल हुए और उसे पकड़कर दूर जंगल में छोड़ दिया। इससे लोगों ने राहत की सांस ली।

रात को खेल मैदान में अजगर दिखने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कुछ साहसी युवकों ने उसे पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।   कैनाल शारदा इंटर कालेज के समीप खेल मैदान में गत रात्रि कुछ लोग टहल …

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चमोली के किसानों ने नमो को दी उत्तराखंडी महक की पहली भेंट

सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों ने पहली बार तैयार किया। अभी तक वे गुलाब जल बनाते आ रहे थे। नई पहल से उत्तराखंड के रोज ऑयल की ब्रांडिंग तो हुई ही, अब सगंध खेती से जुड़े किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी। इस गुलाब तेल की बाजार में कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। प्रदेश में सगंध खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटे सगंध पौधा केंद्र (कैप) की पहल पर चमोली जिले के जोशीमठ व थराली क्षेत्र में काफी संख्या में किसान डेमस्क रोज की खेती से जुड़े हैं। कैप के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान बताते हैं कि अभी तक वहां के किसान गुलाब के फूलों से उत्तम क्वालिटी का गुलाब जल तैयार करते थे। पहली बार वहां गुलाब ऑयल तैयार किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इसे प्रधानमंत्री को इसे सौंपने से किसान गदगद हैं। डॉ. चौहान के अनुसार गुलाब में डेमस्क रोज की खेती खासी लाभप्रद है। इसमें एक हेक्टेयर से 25 कुंतल फूल का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि इसके फूलों से निर्मित होने वाले ऑयल की कीमत 12 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है। पीएम के मन की बात में उत्तराखंड के इस जिले को तरजीह, जानिए यह भी पढ़ें इसे देखते हुए राज्य में क्लस्टर आधार पर डेमस्क रोज की खेती की जा रही है। वर्तमान में इसके 39 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में गुलाब (डेमस्क रोज) की खेती में जुटे किसानों की पहली समलौंण (यादगार) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई। यह समलौंण थी डेमस्क रोज ऑयल, जो वहां के किसानों …

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उत्तराखंड के बिजली विहीन सरकारी स्कूल अब इस तरह होंगे रोशन, जानिए

प्रदेश के बिजली विहीन सरकारी स्कूल अब सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। इतना ही नहीं भारी-भरकम बिलों का भुगतान नहीं होने से विद्यालयों में अंधेरा भी नहीं पसरेगा। विद्यालयों से व्यावसायिक दरों के बजाय घरेलू दरों पर बिजली के बिल …

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अब पर्यटकों के लिए खोला जाएगा ये खूबसूरत मार्ग, जरूर करें दीदार

कोटद्वार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के सोनानदी अभ्यारण की पाखरो रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र को भले ही पर्यटकों के लिए खोलने की अनुमति न दी हो, लेकिन उत्तराखंड शासन पाखरो रेंज में आने …

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इनामी शूटरों की तलाश में दो टीमों की छापामारी

प्रापर्टी डीलर सोनू यादव हत्याकांड में शामिल तीन शूटरों की तलाश में पुलिस की दो टीमें छापामारी कर रही हैं। फरार चल रहे मुख्य आरोपित सोनू पासी और उसके दो साथियों पर पंद्रह पंद्रह हजार का इनाम घोषित है। 50 …

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सभी छात्रों को नहीं मिलेगा जूता-मोजा-बैग

प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययन करने वाले सभी छात्रों को सत्र 2017-18 में जूता-मोजा और बैग नहीं मिलेगा। कक्षा एक से छह तक नए दाखिले लेने वाले छात्र-छात्राओं को ही ये सामन मिलेंगे। परन्तु नए सत्र में सभी बच्चों को किताब, …

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एसआरएन अस्पताल में बंद है एमआरआइ जांच

यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक चलेगी पता नहीं। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज यहां लौट जा रहे हैं। बता दें कि यहां एक टेक्नीशियन पूरी एमआरआइ जांच की व्यवस्था संभाल रहा है। एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ की जांच के लिए मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर तो मरीज की एमआरआइ जांच कराने के लिए पर्ची पर लिखकर भेज देते हैं लेकिन वहां यह जांच ही नहीं हो पाती है। दूर दराज से आने वाले मरीजों को इसके लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। बुधवार को सुनील कुमार एमआरआइ कराने पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह बताकर वापस कर दिया गया कि अभी एमआरआइ नहीं हो पाएगी। ऐसे में सुनील का पर्चा जमाकर लिया गया और इसके लिए पांच सिंतबर को बुलाया गया। एसआरएन में एक माह से बंद है कंट्रास्ट एमआरआइ यह भी पढ़ें यहां स्थिति यह है कि एक टेक्निशियन पूरे एमआरआइ की जांच करता है और उसकी रिपोर्ट भी बनाता है। इन दिनों आलम यह है कि चार दिनों से एमआरआइ नही हो पा रही है। मरीज अपनी यह शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाते हैं लेकिन यहां उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गुप्ता काफी दिनों से छुट्टी पर चल पर रहे हैं। इस विभाग की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। 'मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते यहां एमआरआइ जांच में परेशानी होती है। इसे शीघ्र ही चालू कराया जाएगा। ' डॉ.एके श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक

यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक …

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वाट्सएप और ई-मेल से तामील होंगे समन

अदालतों से जारी होने वाले समन, वारंट और नोटिस अब ई-मेल, वाट्सएप और मैसेज के जरिये भी तामील हो सकेंगे। जनपद न्यायाधीश आरके गौतम द्वारा दिए एक आदेश के बाद कानपुर का पहला वाट्सएप समन एक पक्षकार को तामील भी कराया गया। ऐसा होने से पक्षकारों के हाजिर होने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। पक्षकार भी तामीली से इंकार नहीं कर सकेंगे। इस मामले में हुआ आदेश विजय नगर निवासी नारायन दत्त त्रिपाठी ने एचडीएफसी बैंक से जनवरी 2014 में लोन लिया था। इस मामले में आर्बीटेशन हुआ तो अवार्ड पारित हो गया। इस अवार्ड की धनराशि के लिए एचडीएफसी ने जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में वसूली के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। यहां से समन तामील किया गया। चूंकि पक्षकारों को समन तामील होने में काफी वक्त लगता इसलिए न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से समन तामील करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। पूर्व डीजीसी सिविल पीयूष शुक्ल ने बताया कि जनपद न्यायाधीश ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए। विपक्षी पक्ष को वाट्सएप से समन तामील भी हो गया। कानपुर में थाने में सुनवाई न होने पर समस्या करें वाट्सएप यह भी पढ़ें समन तामील होने में लगता वक्त दरअसल सिविल के साथ ही फौजदारी के मामलों में समन, वारंट तामील कराना सबसे बड़ा काम है। समन, वारंट तामील होने में अधिक समय लगने से सुनवाई प्रभावित होती है। पूर्व डीजीसी सिविल बताते हैं कि इस आदेश के बाद समन तामीली में लगने वाला वक्त खत्म हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। उन्होंने बताया कि रूटीन में जैसे समन वारंट भेजे जा रहे हैं, वह उसी तरह भेजे जाते रहेंगे। वादी, प्रतिवादी सभी कर सकेंगे पैरवी अधिवक्ता हितों के लिए कार्य करें यह भी पढ़ें पूर्व डीजीसी बताते हैं कि इस आदेश का लाभ वादी के साथ प्रतिवादी को भी मिलेगा। दोनों ही नोटिस का तामील इस माध्यम से करा सकेंगे। उनके अधिवक्ताओं को भी समन तामील कराने का अधिकार होगा।

अदालतों से जारी होने वाले समन, वारंट और नोटिस अब ई-मेल, वाट्सएप और मैसेज के जरिये भी तामील हो सकेंगे। जनपद न्यायाधीश आरके गौतम द्वारा दिए एक आदेश के बाद कानपुर का पहला वाट्सएप समन एक पक्षकार को तामील भी …

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एटीएस की टॉप लिस्ट में आया कानपुर

पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले मॉड्यूल के सरगना रमेश शाह की जड़ें कानपुर परिक्षेत्र में भी होने के पर्याप्त सुबूत मिले हैं। कानपुर एटीएस के डीएसपी मनीष सोनकर की टीम ने इन्हीं सुबूतों व इनपुट के बाद रमेश को पुणे से पकड़ा। रमेश की गिरफ्तारी के बाद कानपुर सुरक्षा एजेंसियों की टॉप लिस्ट में आ गया है। गिरफ्तार किया गया रमेश लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था। शहर में आतंकियों के पुराने कनेक्शन के चलते महाराष्ट्र से रमेश शाह के पकड़े जाने के बाद स्थानीय खुफिया को अलर्ट कर दिया गया है। वैसे भी आयुध निर्माणियों के साथ ही प्रौद्योगिकी संस्थान, एयरपोर्ट और गैस प्लांट सरीखे अहम संस्थानों की वजह से कानपुर स्लीपिंग मॉड्यूल्स की सक्रियता का केंद्र बन गया है। खुफिया रिपोर्ट और शहर में पकड़े गए आतंकी, पाकिस्तान एजेंट और नक्सली से इसकी पुष्टि भी होती है। रमेश भी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को पैसा व उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराता था। कानपुर परिक्षेत्र में उसकी सक्रियता की बात खुरासान माड्यूल पकड़े जाने के बाद सामने आई। एटीएस सूत्रों के मुताबिक शहर में पाकिस्तानी एजेंट, स्लीपिंग मॉड्यूल्स की गतिविधियों और टेरर फंडिंग के पुख्ता सुबूत के बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) टीम की गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं। सात मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास हुए विस्फोट का मास्टर माइंड गौस मोहम्मद, मो. दानिश व आतिफ जाजमऊ के रहने वाले हैं। मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्लाह भी इसी इलाके का था। इनके साथियों में सैयद मीर हुसैन कन्नौज का है। गौस शहर में खुरासान माड्यूल के माध्यम से आतंकियों की पाठशाला चला रहा था, जिसमें शहर व आसपास के करीब 75 लोग शामिल हो रहे थे। हालांकि एटीएस उन्हें मुख्यधारा में वापस ले आई। इसके बाद से एटीएस शहर के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों व सुनसान स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों पर नजर बनाए हुए है। आतंकी की तलाश में एटीएस की छापेमारी यह भी पढ़ें शहर में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी -11 सितंबर 2009 को आइएसआइ एजेंट इम्तियाज सचेंडी से गिरफ्तार। -27 सितंबर 2009 को बिठूर से आइएसआइ एजेंट वकास की गिरफ्तारी। ब्लैक लिस्ट होंगे कानपुर के ट्रांसगंगा सिटी में काम कर रहे ठेकेदार यह भी पढ़ें -18 सितंबर 2011 को रांची निवासी आइएसआइ एजेंट फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को एटीएस ने गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के आरोप में रेलबाजार से किया गिरफ्तार। -जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम के संदिग्ध की गिरफ्तारी। -अप्रैल 2014 को पटना में विस्फोट करने वाले एक संदिग्ध को पनकी स्टेशन के पास से एटीएस ने पकड़ा। -मार्च 2017 में भोपाल में ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी गिरोह खुरासान माड्यूल के तीन आतंकी गिरफ्तार।

पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों के लिए फंड जुटाने वाले मॉड्यूल के सरगना रमेश शाह की जड़ें कानपुर परिक्षेत्र में भी होने के पर्याप्त सुबूत मिले हैं। कानपुर एटीएस के डीएसपी मनीष सोनकर की टीम ने इन्हीं सुबूतों व इनपुट …

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दबंगो ने आग लगा कर किसान को मारा

दबंगो ने आग लगा कर किसान को मारा

मध्य प्रदेश- राजधानी भोपाल  के निकट एक गांव में 4 बदमाशों ने दिल दहला देने वाले कारनामें को अंजाम दिया बदमाशों ने 70 वर्ष के एक बृद्ध दलित किसान को जिंदा जला दिया बुरी तरह झुलसे किसान को तत्काल सरकारी अस्पताल में भर्ती किया …

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