बिहार

छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 14 छात्राओं की हालत नाजुक बतायी जा रही है। छात्राओं पर इस तरह से किए हमले में पुलिस ने अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, फरार आरोपियों की तलाशी के छापेमारी जारी है। बता दें कि स्कूल के वार्डन ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि दस लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI Total 10 people have been arrested in the incident where at least 30 schoolgirls where thrashed for allegedly resisting sexual advances in Supaul: ADG Police HQ SK Singhal #Bihar 4:30 PM - Oct 8, 2018 34 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy दरभंगा जोनल के आइजी पंकज दारद ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। पिछले चार दिनों से हॉस्टल की लड़कियों को परेशान करने के लिए मनचले हॉस्टल की दीवार पर अश्लील बातें लिख देते थे। लड़कियों के मना करने पर मनचलों ने काफी संख्या में हॉस्टल में घुसकर लड़कियों की जमकर पिटाई की। घटना को अंजाम देने वालों में मनचलों के अभिभावक भी शामिल थे जिसमें महिलाएं भी थीं। सबने हॉस्टल में घुसकर लड़कियों के साथ ही उनके शिक्षकों को भी बुरी तरह पीटा है। आइजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें एएसपी त्रिवेणीगंज ने बताया कि कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है और सबसे पूछताछ की जा रही है। चार थानों की पुलिस छापेमारी कर रही है। हमने अस्पताल में जाकर घायल लड़कियों के बारे में जानकारी ली है, जिसमें उनकी स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर रही है। सुपौल के एसपी मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ एक मजिस्ट्रेट भी अगले आदेश तक स्कूल कैंपस में तैनात रहेंगे। बता दें कि विद्यालय में 100 लड़कियां पढ़ती हैं। स्कूल के एक स्टाफ ने भी बताया कि मनचले स्कूल की दीवार पर अपशब्द लिखने के अलावा छेड़छाड़ करते थे। इससे छात्राएं परेशान थीं। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मनचलों के अभिभावक स्कूल में घुस आए और छात्राओं की पिटाई की। हमले में 34 लड़कियां घायल हो गई हैं जिनका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज में चल रहा है। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम को कुछ छात्राएं विद्यालय परिसर में खेल रही थीं। इस दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे और फब्तियां कसने लगे। छात्राओं ने इसकी शिकायत अपने अध्यापकों से की। इसके बाद अध्यापक और अन्य लोग मनचलों को समझाने गए, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए। थोड़ी देर बाद मनचलों के साथ लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें 34 छात्राओं को गंभीर चोट लगी है। बाद में एंबुलेंस से छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी का विरोध करने पर लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों के अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में डपरखा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों के साथ उनके अभिभावकों ने मिलकर हॉस्टल की छात्राओं की जमकर पिटाई की जिसमें 34 छात्राएं घायल हो गई हैं जिनका इलाज …

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बिहार में आज से ऑनलाइन दाखिल-खारिज शुरू, अब नहीं होगी परेशानी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे संतोष हो रहा है कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके लिए हमलोग पहले से ही काफी प्रयासरत थे। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद और जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान समीक्षा से यह पता चला कि 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के हैं। आपसी झगड़े, आपराधिक घटनाओं में भी भूमि विवाद एक महत्त्वपूर्ण वजह होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी आंकड़े अपडेट नहीं है। यह भूमि दस्तावेज काफी पुराना है, सर्वे 1901 पर आधारित है। हमलोगों ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है। इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया। हालांकि 5-5 जगहों से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ी, जिस कारण तीन वर्ष का समय लग गया लेकिन अब यह बिहार में छेड़खानी का विरोध करने पर 34 लड़कियों की बेरहमी से पिटायी, 10 गिरफ्तार यह भी पढ़ें काम पूर्ण हो गया है। इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है। इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक/विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक, 12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आई0टी0 ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है, इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी। बिहार के सुपौल में 34 बच्चियों की पिटायी पर SC ने दिखाई सख्ती, कहा-एेसा नहीं चलेगा यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खरीद-बिक्री का काम अभी किया जा रहा है लेकिन आज तीन ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत के बाद इसमें सुविधा होगी। भूमि विवाद के कारणों को हल करने में इससे सहुलियत होगी। लगान वसूली के लिए कर्मचारी की संख्या कम रहने के कारण काफी समस्या होती थी। साथ ही कर्मचारी को तलाष करने में भी लोगों को काफी परेषानी होती थी। उन्होंने कहा कि 1100 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण करवाया गया है और शेष पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाना है। पंचायत सरकार भवन में ही कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला: गरमायी सियासत तो बोले सीएम नीतीश यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यों में कानून व्यवस्था को बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। इस कार्य में बिहार जैसे राज्य में सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद के कारण होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है, जिसके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। अब नए तकनीक के प्रयोग से कार्यों में सुविधा होगी। जमीन का बंटवारा होने के बाद भी दादा-परदादा-पिताजी के नाम से जमीन रहती है। दाखिल खारिज अपने नाम से नहीं होने से खरीद बिक्री में विवाद होता है। निबंधन शुल्क ज्यादा होने के कारण भी आपसी सहमति से हुए बंटवारे का निबंधन लोग नहीं कराते हैं। हमसफर से सफर हुआ आसान, अब पाटलिपुत्र से वाया लखनऊ, कानपुर, कोटा टू उदयपुर यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि अब पारिवारिक बंटवारे में हमने यह निर्देश दिया है कि इस शुल्क को सांकेतिक किया जाय। कम से कम खर्च में लोग दाखिल खारिज करा सकेंगे और उनकी जमीन का दस्तावेज आधिकारिक हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर तथा अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों को स्कैन कर ई-रिकॉर्ड के रुप में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि पुराने दस्तावेज सुरक्षित रहें और उनका भविष्य में उपयोग हो सके। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में भी सहुलियत होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी। वृंदावन में 36 बिहारी गिरफ्तार, पहले होटल में छलकाया जाम फिर की अश्लील हरकत यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह के एक दिन यानि शनिवार को थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी की बैठक होगी जिसमें भूमि विवाद की जानकारी ली जाएगी एवं उसके समाधान का उपाय किया जायेगा। हर 15 दिनों पर जिलाधिकारी एवं एस0पी0 की बैठक होगी, जिसमें अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त की जाएगी एवं जिले के अंदर भूमि विवाद संबंधी समस्या के समाधान के लिए विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। निर्धारित 15 दिन में एक दिन पूरे समय बैठने का मौका नहीं मिलता है, फिर भी कम से कम कुछ घंटों की बैठक जरुर होनी चाहिए। प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डी0जी0पी0, प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं प्रधान सचिव निबंधन विभाग की एक बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा की जाएगी। इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा। लालू के लाल तेजप्रताप हैं कुरुक्षेत्र में, सारण से चुनाव लड़ने के लग रहे कयास यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें खतिआनों एवं रजिस्टर-2, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का, डिजिटलाइजेशन एवं स्कैनिंग किया जाएगा। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकाॅर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नए सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियाॅ होंगी, उसके निष्पादन में कम समय लगेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय स्थित संवाद में आज रिमोट के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज’ ‘ऑनलाइन लगान भुगतान’ एवं ‘निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर Suo-Motu दाखिल खारिज’ सुविधा का शुभारंभ किया। …

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 बड़ा खुलासा:ऐसे की जाती थी IRCTC की वेबसाइट हैक,जानिए आप

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन तत्काल ही नहीं आगे के दिनों की आरक्षित टिकट बुकिंग के लिए अपने सॉफ्टवेयर को फुल प्रूफ बनाने की हर कोशिश में जुटी है। परंतु हैकर्स कोई न कोई उपाय निकाल कर इसके सॉफ्टवेयर को हैक कर त्वरित गति से तत्काल अथवा आगे के दिनों की टिकट आसानी से बुक कर ले रहे हैं। हाल के दिनों में पकड़े गए दलालों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक रेड मिर्ची नामक साफ्टवेयर से आइआरसीटीसी की वेबसाइट हैक कर टिकट की बुकिंग की जा रही है। नतीजा यह हो रहा है कि आम यात्रियों को आरक्षित टिकट मिल नहीं पा रही है। इतना ही नहीं एक ओर रेलवे आम यात्रियों के लिए शॉर्ट नाम से टिकट बुक नहीं कराने का निर्देश दे रखी है जबकि दलाल आसानी से शार्ट नामों से ही टिकट बुक कर बेच दे रहे हैं। इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर आरआर कश्यप ने बताया कि टिकट दलाल टीम व्यूअर पर जाकर गैरकानूनी तरीके से साफ्टवेयर खरीदते हैं। अभी अधिकांश एजेंट रेड मिर्ची नामक साफ्टवेयर खरीद कर आरक्षित टिकटों की बुकिंग कर रहे हैं। साफ्टवेयर बेचने वाले सारे इंजीनियर बंगलुरु अथवा गुजरात के हैं। सारे साफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो किसी न किसी नाम से साफ्टवेयर बनाकर बेचते हैं। अभी रेडमिर्ची और नियो के नाम से साफ्टवेयर बना रहे हैं। पहले इनके द्वारा क्रोशिया, बप्पा, ब्लैक कोबरा, लायन, रेमंड, डबल बुल आदि नाम से साफ्टवेयर का निर्माण किया जा रहा था। हर बार नाम बदल दिया जाता है। इतना ही नहीं एजेंट कई नामों से आइआरसीटीसी में अपना अकाउंट खोलकर आईडी लिए रहते हैं। आज पकड़े गए पटना ट्रैवेल एजेंसी के मालिक सतीश ने 113 नामों से आईडी बना रखा था जिससे टिकट की बुकिंग कर रहा था। एक माह के लिए 20 हजार रुपये देना होता है टिकट दलालों को बंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कंपनी का मार्केटिंग नेटवर्क इतना तगड़ा है कि वे टिकट दलालों को घर तक साफ्टवेयर पहुंचा देते हैं। पकड़े जाने के भय से कभी भी इसकी सीधे मार्केटिंग नहीं करते हैं। टिकट दलालों को पीक सीजन में एक माह के लिए इस साफ्टवेयर की कीमत 20 हजार रुपये तक देना पड़ता है। अकेले पटना शहर में 200 से अधिक ऐसे टिकट दलाल हैं जो इस तरह के साफ्टवेयर का उपयोग कर गली-मोहल्ले में रेल टिकट बुक कर रहे हैं। टिकट के साथ ही पहचान पत्र भी बनाकर देते हैं एजेंट ट्रैवेल एजेंसियां शॉर्ट नाम से अथवा छोटे-छोटे नामों से लंबी दूरी की आरक्षित टिकटों की बुकिंग करती हैं। समय आने पर जब इसकी बिक्री करते हैं तो चार घंटे के अंदर ही टिकट खरीदने वालों के टिकट पर अंकित नामों से मतदाता पहचान पत्र बनाकर दे देते हैं। पहली नजर में कोई भी टिकट निरीक्षक इस पहचान पत्र को देखकर फर्जी नहीं कह सकता है। इस पर यात्रा करने वाले यात्री की ही तस्वीर लगी होती है। पचास लाख से अधिक की पूंजी निवेश करते हैं एजेंट टिकट दलाल दुर्गापूजा, दीपावली व छठ पूजा के साथ ही होली के लिए चार माह पूर्व से ही टिकटों की बुकिंग करके रखते हैं। इसमें वो पचास लाख रुपये से अधिक तक की राशि निवेश करके रखे रहते हैं।

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन तत्काल ही नहीं आगे के दिनों की आरक्षित टिकट बुकिंग के लिए अपने सॉफ्टवेयर को फुल प्रूफ बनाने की हर कोशिश में जुटी है। परंतु हैकर्स कोई न कोई उपाय निकाल कर इसके सॉफ्टवेयर …

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#बड़ा फैसला: सीएम हों या मंत्री, अब बैठकों के दौरान नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

केंद्रीय कैबिनेट और कर्नाटक के बाद अब बिहार सरकार ने भी ‘उच्चस्तरीय’ बैठकों में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक आदेश जारी करते हुए राज्य …

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IRCTC घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू एंड फैमिली की कोर्ट में होगी पेशी

आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होंगे. दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने लालू एंड फेमली के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. …

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एसआइटी हुई हैरान, जिनके पास जमीन नहीं उन्होंने बेच दिया लाखों के धान

बिहार के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले की जांच में कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस घोटाले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी (विशेष जांच दल) भी हतप्रभ है। 600 करोड़ रुपये से भी अधिक के इस घोटाले में कुछ ऐसे किसानों को धान खरीद के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है, जिनके पास एक धुर जमीन भी नहीं है। ऐसे में घोटाले को अंजाम देने वालों की संपत्ति जब्त करने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ADVERTISING inRead invented by Teads बता दें कि इस घोटाले से जुड़े राइस मिलरों की करीब पांच करोड़ से भी अधिक की चल और अचल संपत्ति को ईडी ने जब्त कर लिया है। जिन लोगों के नाम पर धान खरीद के करोड़ों रुपये बांट दिए गए, उनके संबंध में ईडी को कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई है। सीआइडी की एसआइटी ने धान बेचने वाले लोगों को चिह्नित करने के लिए कई जिलों में अंचलाधिकारियों (सीओ) को इसका जिम्मा दिया था। जब सीओ ने इस इस मामले की जांच की तब पाया कि वैसे लोगों को भी धान खरीद के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया है, जिनके पास एक धुर भी जमीन नहीं है। व्यवसायी को फोन पर कहा-30 लाख दो, मोबाइल बंद करते ही घर पर फेंका बम यह भी पढ़ें इतना ही नहीं, सीओ की जांच भी यह भी सामने आया कि जिस किसान के पास केवल 50 कठ्ठा जमीन है, उस किसान से 80-90 क्विंटल धान की खरीद दिखाकर उसे लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया है। कम रकबा वाले किसानों से 80-90 क्विंटल धान की खरीद न केवल धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास, बक्सर, भोजपुर और कैमूर जिलों से की गई है, बल्कि उत्तर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और वैशाली जैसे जिले भी शामिल हैं। बता दें कि एसआइटी द्वारा धान खरीद के संबंध में दायर की गई चार्जशीट को आधार बनाकर ईडी की टीम घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त कर रही है। अब ईडी के सामने मुश्किल यह है कि ऐसे किसानों के नाम पर करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिए जाने के बाद वह आखिर कार्रवाई किसके खिलाफ करे।

बिहार के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले की जांच में कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस घोटाले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी (विशेष जांच दल) भी हतप्रभ है। 600 करोड़ रुपये से भी अधिक के …

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रेल पुलिस की दरिंदगी, युवक को चलती ट्रेन से फेंका

रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे छात्र वेंकटेश की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या थी। उसे रेल पुलिस ने ही चलती ट्रेन से धक्का देकर मारा था। उसके पिता ने पुलिस पर अपने बेटे को चलती ट्रेन से फेंक देने का आरोप लगाया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसका खुलासा हुआ है। पिता का आरोप है कि एस्कॉर्ट पार्टी के जवानों ने 28 सितंबर की रात चलती ट्रेन से वेंकटेश को नीचे फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना में जान गंवाने वाला किशोर वेंकटेश उर्फ चुन्नू शर्मा था। वह गया जिले के रामपुर थाना क्षेत्र के इमलियाचक का रहनेवाला था। इस घटना के बाद रांची से पटना आ रही जनशताब्दी एक्सप्रेस में एस्कार्ट पार्टी को रेलयात्रियों ने घेर लिया और पुलिस जवानों की जमकर पिटाई की। इस दौरान भीड़ लगातार यह आरोप लगा रही थी कि जवान ने एक किशोर को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि अभी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है। स्वच्छता के साथ दहेज व नशामुक्त समाज निर्माण का संकल्प यह भी पढ़ें घटना तब हुई, जब वेंकटेश अपने साथी कृष्णा के साथ जनशताब्दी एक्सप्रेस से रांची से गया लौट रहा था। गया-कोडरमा रेलखंड के टनकुप्पा के पास बंशीनाला के पास जवानों से उसकी किसी बात पर बहस हो गई और उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया। उस युवक की मौत हो गई, जिसका शव दूसरे दिन सुबह झाडिय़ों से बरामद किया गया था।

रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे छात्र वेंकटेश की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या थी। उसे रेल पुलिस ने ही चलती ट्रेन से धक्का देकर मारा था। उसके पिता ने पुलिस पर अपने बेटे को चलती ट्रेन से फेंक देने …

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थाने में बैठकर थानाध्यक्ष ही बेच रहे थे जब्त शराब,SP ने किया गिरफ्तार

एक ओर जहां महात्मा गांधी की जयंती पर जिले के सभी पंचायतों में आमसभा आयोजित कर लोगों को नशे का सेवन नहीं करने का संकल्प दिलाया जा रहा था उसी रात बैकुंठपुर थाना परिसर में पुलिस द्वारा जब्त शराब की गई शराब बेची जा रही थी। एसपी ने रंगे हाथों थानाध्यक्ष और एएसआइ को गिरफ्तार कर लिया। एसपी को जानकारी मिली थी कि थाने से शराब की बिक्री की जा रही है। इसके बाद मंगलवार की रात पुलिस अधीक्षक राशिद जमां बैकुंठपुर थाना पहुंचे तो वहां शराब की डिलीवरी के लिए लगी बोलेरो का चालक उन्हें देखते ही वाहन सहित फरार हो गया। थाने में शराब की बिक्री के लिए खड़े थानाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण महतो तथा एएसआई सुदीश कुमार को उन्होंने तुरत हिरासत में ले लिया। पुलिस ने शराब की डिलीवरी के लिए आए छपरा के मशरख में छापेमारी कर चालक कन्हैया शर्मा को भी हिरासत में ले लिया। बताया जाता है कि पिछले कुछ दिन से थानों में जब्त की गई शराब को नष्ट करने का काम चल रहा है। चार दिन पूर्व बैकुंठपुर थाना में जब्त शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसी बीच मंगलवार की रात एसपी को सूचना मिली कि विनष्टीकरण प्रक्रिया के दौरान डेढ़ सौ कार्टन शराब को बचाकर रख लिया गया था। समान काम समान वेतनमान मामला, 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला यह भी पढ़ें छुपाकर रखे कार्टन का ग्राहक मिल जाने के बाद उसकी उसकी डिलिवरी की जा रही थी। इस सूचना पर एसपी थाना पहुंच गए। मामले की जांच करने के बाद थानाध्यक्ष तथा एएसआई को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब्त शराब मामले में अनियमितता को लेकर थानाध्यक्ष तथा एएसआई को हिरासत में लिया गया है। एसपी राशिद जमां की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। बता दें कि शराबबंदी को लेकर लापरवाही और इस कानून को सही तौर पर लागू नहीं करने वाले अधिकारियों को बिहार के मुख्यमंत्री ने जबर्दस्त डांट लगाई थी। पटना में वित्त आयोग के साथ बड़ी बैठक, CM नीतीश ने रखी विशेष राज्य के दर्जे की मांग यह भी पढ़ें सीएम नीतीश कुमार ने कल भी गांधी जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि चाहे मुझे जमीन के भीतर दफना दें लेकिन शराबबंदी से कोई समझौता नहीं करूंगा। ऐसे में गोपालगंज एसपी द्वारा की गई इस कार्रवाई को अहम माना जा रहा है।

एक ओर जहां महात्मा गांधी की जयंती पर जिले के सभी पंचायतों में आमसभा आयोजित कर लोगों को नशे का सेवन नहीं करने का संकल्प दिलाया जा रहा था उसी रात बैकुंठपुर थाना परिसर में पुलिस द्वारा जब्त शराब की गई …

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गर्लफ्रेंड, दोस्ती और गांजा:10वीं के छात्र सत्यम की हत्या की बनी वजह, जानिए

पंद्रह वर्षीय सत्यम की हत्या में शनिवार की देर शाम गिरफ्तार तीसरे आरोपित चकाई ने पूछताछ में अहम राज उगले। उसके अनुसार नीरज की प्रेमिका के चक्कर में सत्यम की हत्या की गई। रविवार को पुलिस ने हत्या मामले में गिरफ्तार नीरज कुमार, अजित कुमार उर्फ देव उर्फ चकाई और एक नाबालिग को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। चकाई पूर्व में रूपसपुर थाने से ही मोबाइल लूट मामले जेल जा चुका है। सत्यम को दोस्तों ने बेरहमी से चाकुओं से गोद डाला था खगौल पीएचसी के होमियोपैथ डॉक्टर शशि भूषण के बेटे सत्यम की हत्या उसके दोस्तों ने बेरहमी से कर दी थी। शरीर को तब तक चाकूओं से गोदा जब तक कि उसकी सांस नहीं थमी। चाकू से वार करते वक्त अपराधी एक, दो, तीन गिन रहे थे। 15 बार वार करने के बाद सत्यम ने दम तोड़ दिया। यह खुलासा आरोपित ने किया। उसके गले, हाथ, पैर और शरीर के कई हिस्सों पर गहरे जख्म के निशान मिले हैं। पुलिस ने सत्यम के शरीर में घोंपा एक चाकू बरामद किया है। दूसरा चाकू मृत शरीर से कुछ ही दूरी पर मिला। आखिर कौन होगी लालू परिवार की छोटी बहू, तेजस्वी की या होगी राबड़ी की पसंद यह भी पढ़ें इस खूनी वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपितों ने मिलकर शव को झाड़ी में छिपा दिया। फिर अपने घर चले गये। पूरी रात नीरज अपने घर में रहा। फिर सत्यम के घर से फिरौती मांगने की साजिश रची। एक आरोपित गोला रोड का निवासी है जबकि नीरज और एक अन्य खगौल के कोथवां गांव के रहने वाले हैं। नीरज 12वीं जबकि बाकी के दोनों आरोपी दसवीं के छात्र हैं। गर्लफ्रेंड, दुश्मनी और हत्या आम्रपाली दुबे शरमायीं, जब रितेश पांडेय ने कहा- तू त बारू नंबर वन दुलहिनिया हो... यह भी पढ़ें दोस्त ने ही गर्ल फ्रेंड की खातिर दोस्त की जान ले ली। उसे पता नहीं था कि दोस्त हत्या की पटकथा लिख चुका है। चकाई ने पुलिस को बताया कि कांड का आरोपित जेल में बंद एमएलसी रीतलाल का रिश्तेदार नीरज आरपीएस कॉलेज में इंटर का छात्र था और आइएएस कॉलोनी के निकट कोचिंग में पढऩे के दौरान उसकी सत्यम से दोस्ती हुई थी। नीरज कई बार सत्यम को साथ लेकर अपनी गर्लफ्रेंड के पास गया था। सत्यम से नीरज की गर्लफ्रेंड ज्यादा घुल-मिल गई और उसने नीरज से दूरी बना ली। इसे लेकर नीरज गुस्से में था। वह मौके की तलाश में था। उसने अपने दूसरे नाबालिग साथी के जरिए चकाई से संपर्क किया। अपहरण करने के बाद सत्यम की हत्या कर चकाई और नीरज ने मिलकर फिरौती मांगने की योजना बनाई।

पंद्रह वर्षीय सत्यम की हत्या में शनिवार की देर शाम गिरफ्तार तीसरे आरोपित चकाई ने पूछताछ में अहम राज उगले। उसके अनुसार नीरज की प्रेमिका के चक्कर में सत्यम की हत्या की गई। रविवार को पुलिस ने हत्या मामले में …

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घर में अंतिम संस्‍कार की चल रही थी तैयारी, अचानक मुर्दे में हुई हरकत, फिर…

घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां चल रहीं थीं। माहौल मातमी था। इसी 'मुर्दें' में हरकत होने लगी और परिजन शमशान के बदले अस्‍पताल भागे। लेकिन डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सारण के मुफस्सिल थाना इलाके में सोमवार को हुई। करंट से हो गई मौत मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करेंगा गांव में एक महिला को करंट लगी। परिजन उसे छपरा सदर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए। घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं। शव में हुई हरकत इसी बीच शव में कुछ हरकत देखी गई। पूरे इलाके में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली कि मुर्दे में जान लौट आई है। परिजनों ने अंतिम संसकार की तैयारियां रोककर मृत घोषित महिला के साथ अस्‍पताल का रूख किया। लेकिन, वहां उसे फिर मृत घोषित कर दिया गया। हंगामा पर उतर आए परिजन फर्द बयान के बाद भी तरैया थाने में दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी यह भी पढ़ें इसके बाद परिजन आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना था कि महिला जीवित थी तो पहले समय पर उसका इलाज क्‍यों नहीं किया गया। उनके अनुसार इलाज में लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई। छपरा-थावे रूट पर 11 अक्टूबर से चलेगी छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस यह भी पढ़ें अस्‍पताल का लापरवाही से इनकार दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया है। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. एचसी प्रसाद ने बताया कि मरीज की मौत की पुष्टि पूरी जांच के बाद की गई थी। मौत के बाद शरीर में आने वाले परिवर्तनों के कारण कभी-कभी अंगों में हरकत हो सकती है। संभव है कि इस मामले में भी ऐसा हुआ हो, जिससे परिजनों को जीवित होने का भ्रम हो गया हो।

घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां चल रहीं थीं। माहौल मातमी था। इसी ‘मुर्दें’ में हरकत होने लगी और परिजन शमशान के बदले अस्‍पताल भागे। लेकिन डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सारण के मुफस्सिल थाना इलाके में …

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