राजनीति

हमने विपक्ष से 14 राज्यों की सत्ता छीन ली – अमित शाह

जयपुर ग्रामीण के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गाँधी को न केवल बबुआ कहकर उनका मजाक उड़ाया, बल्कि खुद को भाग्यशाली बताया कि उन्हें ऐसा विपक्ष मिला. शाह ने दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस से तीन पीढ़ियों के कामकाज का ब्योरा भी मांग लिया. आपको बता दें कि जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उपचुनावों में भाजपा को मिली हार पर खुश होने वाले विपक्ष को लेकर उन्होंने तंज कसा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें एक ऐसा विपक्ष मिला है, जो कुछ उपचुनावों में मिली जीत को लेकर ही खुश है, जबकि वह कई राज्यों में सत्ता से बाहर हो गया है. शाह ने कहा आठ उपचुनाव हारे हैं, लेकिन 14 राज्यों में उनसे (विपक्षी पार्टी) सत्ता छीन ली है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के प्रतिनिधित्व वाले इस इलाके में हुई सभा में शाह ने राहुल गाँधी को बबुआ कह कर उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि यह नहीं हुआ, वह नहीं हुआ. ‘अरे बबुआ’, मुझे बताओ भाई आपलोगों ने 70 साल में क्या किया.यदि उन्होंने ये काम किया होता तो लोगों को शौचालय और गरीब माताओं को सिलेंडर उपलब्ध करने का हमे सौभाग्य नहीं मिलता. शाह ने राहुल के बिना कहे छुट्टी पर जाने और लौटने पर भी सवाल उठाए. शाह ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए कार्यकर्ताओं से ओवरटाइम काम करने को कहा

जयपुर ग्रामीण के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गाँधी को न केवल बबुआ कहकर उनका मजाक उड़ाया, बल्कि खुद को भाग्यशाली बताया कि उन्हें ऐसा विपक्ष मिला. शाह ने दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस …

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तेजस्वी ने उपेंद्र को दिया गठबंधन में आने का न्यौता

राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया . बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है. गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में शामिल होने का न्योता भी दे दिया . बता दें कि एनडीए के सहयोगी दलों के भोज से अनुपस्थित रहने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए. सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी सुधांशु शंकर शामिल हुए थे .इससे उनकी एनडीए से बढ़ती दूरी को समझा जा सकता है.इसका फायदा उठाते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाह को तुरंत महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे दिया.कहा जा रहा है कि इस निमंत्रण के पीछे राहुल गाँधी का हाथ है. गौरतलब है कि बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में चल रही खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की अहम मुलाक़ात हुई थी. सूत्रों की मानें तो दोनों नेता भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमत हो गए हैं.ये दोनों दल कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकते हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की ताकत रखते हो.दोनों दलों के बीच बिहार के जातीय समीकरण में तालमेल बैठाने के लिए विचार विमर्श हुआ है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है.

राजनीति में अवसरों को भुनाने के लिए राजनीतिक दल हमेशा तैयार रहते हैं . ऐसा ही नजारा एक बार फिर बिहार में देखने को मिला जहाँ एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राजद नेता तेजस्वी यादव …

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राजनीति से भर गया है तेजप्रताप का दिल !

हालही में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप की शादी हुई है और अब खबर है कि बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव का दिल अब राजनीति से भर गया है.उनका शनिवार को किया गया ट्वीट तो इस ओर ही इशारा कर रहा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मेरा सोंचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊँ. अब कुछेक "चुग्लों" को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं.।। राधे राधे।। इस ट्वीट का मतलब सभी अपने अपने विवेक से निकल रहे है. कहा जा रहा है कि उनका इशारा छोटे भाई तेजस्वी यादव कि तरफ है और तेजस्वी को ही राजनीती में आगे ले कर चलना चाहते है. अपने ट्वीट में तेजस्वी को मगध की बजाया हस्तिनापुर की गद्दी दिलवाने की बात कही है ऐसे में उनका इशारा 2019 में होने वाले आम चुनाव और दिल्ली की गद्दी की तरफ मना जा रहा है. राजनीती की बजाय तेजप्रताप यादव अक्सर विवादित बयानो और अपनी कृष्ण भक्ति के प्रचार के तरीको के कारण ज्यादा चर्चा में रहते है. इसके उलटतेजस्वी पूरी तरह से राजनीति में सक्रीय है और NDA ,बीजेपी, पीएम मोदी और सूबे के सीएम नीतीश कुमार के साथ साथ आरएसएस की खिंचाई का कोई मौका नहीं छोड़ते है.

हालही में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप की शादी हुई है और अब खबर है कि बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव का दिल अब राजनीति से भर गया है.उनका शनिवार को किया गया ट्वीट तो इस …

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उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, जो चल रहा है सब ढोंग है

आने वाले साल 2019 में लोकसभा के चुनाव होने वाले है, इस नजरिए से देश की सभी राजनीतिक पार्टियों में जो बौखलाहट देखी जा रही है वो देखने लायक है, वहीं हाल ही में आये उपचुनाव के परिणाम और विपक्ष के एकजुट होने के बाद अमित शाह एनडीए को एकजुट करने के लिए कैम्पेनिंग कर रहे .बीजेपी ने अपनी नई मुहीम शुरू की है जिसका नाम है, "सम्पर्क फॉर समर्थन" . "सम्पर्क फॉर समर्थन" के लिए हाल ही में अमित शाह शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके निवास स्थान मातोश्री में मिले थे जिसके बाद अटकले लगाई जा रही थी कि एनडीए में सब कुछ ठीक है लेकिन अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद ही उद्धव ठाकरे ने आज अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि "अब जो भी हो रहा है वो सब कुछ ढोंग है." बता दें, इस बात को लेकर उद्धव ठाकरे का निशाना अमित शाह पर था. कयास यह भी लगाए जा रहे है कि शिवसेना इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी. कल भाजपा के नेताओं ने इस बैठक को सकारात्मक बताया था लेकिन अब मिल रही ख़बरों के बाद एनडीए के लिए काफी मुश्किलें दिखाई दे रही है वहीं इन सबके के बीच अमित शाह सम्पर्क फॉर समर्थन कैम्पेनिंग में बड़े दिग्गजों से मिल रहे है. वहीं एनडीए की सभी पार्टियों के बीच बिहार में डिनर की पार्टी रखी गई थी लेकिन उस पार्टी में भी कई लोग नाराज दिखाई दिए जिन्होंने इस बैठक का बॉयकाट किया.

आने वाले साल 2019 में लोकसभा के चुनाव होने वाले है, इस नजरिए से देश की सभी राजनीतिक पार्टियों में जो बौखलाहट देखी जा रही है वो देखने लायक है, वहीं हाल ही में आये उपचुनाव के परिणाम और विपक्ष …

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चाणक्य नीति :ऑपरेशन 2019, NDA और अमित शाह

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बीजेपी समय से पहले ही सजग हो गई है और उप चुनावों में मिली हार को सबक के तौर पर देख कर किले को मजबूत बनाने का काम में लग गई है. इस बार भी लीड फ्रॉम फ्रंट की भूमिका निभाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतिगत तरीके से काम शुरू कर दिया है. और व्यूह रचना की शुरुआत के पहले चरण में विपक्ष के एकजुट होने की नीति को देखते हुए सबसे पहले NDA के रूठे हुए दोस्तों को मनाने का काम शुरू कर दिया गया है. शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आंध्र में चंद्रबाबू नायडू और बिहार में नीतीश कुमार को साधने के साथ साथ अन्य जगहों पर भी डैमेज कण्ट्रोल जारी है. हालांकि सहयोगी अभी भी अपने पत्ते नही खोल रहे है जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय है. वही दूसरी और विपक्ष बीजेपी और मोदी के के खिलाफ एक जुटता को जीत का मूल मंत्र मान चुका है जो की एक हद तक सही भी है. इसी बीच अमित शाह किसी भी कीमत पर हारना नही चाहते है और इसी के लिए उन्होंने देश की बड़ी हस्तियों को साधने का काम भी करना उचित समझा है. वे देश की सबसे मशहूर 50 हस्तियों से खुद मिलकर उन्हें सरकार के किये कामों की जानकारी देते हुए उनसे संपर्क फॉर समर्थन मुहीम के तहत बीजेपी सरकार का साथ देने की अपील कर रहे है. अब तक वे कपिल देव, उद्धव ठाकरे, बाबा रामदेव, माधुरी दीक्षित जैसे लोगो से मिल भी चुके है. इसी मुहीम के तहत बीजेपी के 4000 बड़े नेताओं जिनमे मंत्री, सांसद और विधायक शामिल है को अपने अपने क्षेत्र की 25 -25 बड़ी हस्तियों से मिलने का टारगेट भी दिया जा चुका है. मतलब साफ है बीजेपी किसी भी तरह की कोई कसार नही छोड़ना चाहती. हवा का रुख फ़िलहाल बीजेपी और NDA के साथ है. उस पर अमित शाह की चाणक्य नीति 2019 में भी सभी एक जुट विपक्षियों पर भारी पड़ने को तैयार है.

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बीजेपी समय से पहले ही सजग हो गई है और उप चुनावों में मिली हार को सबक के तौर पर देख कर किले को मजबूत बनाने का काम में लग गई है. इस बार भी …

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प्रणब मुखर्जी से मनीष तिवारी के तीखे सवाल

तिवारी ने कहा, ‘या तो उस समय हमें जो बताया गया वो गलत था या फिर आपने आरएसएस को जो सम्मान दिया है वह सार्वजनिक जीवन में आपके कद के उपयुक्त नहीं है. क्या यह वैचारिक मेलमिलाप है और राजनीतिक रुख में कड़वाहट कम करने की कोशिश है जैसा कि आलोचक कह रहे हैं?’ वहीं मनीष तिवारी के ट्वीट से पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रणब मुखर्जी की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्होंने आरएसएस और मोदी को राजधर्म की याद दिलाई है.

प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. कल रात में प्रणब दा के नागपुर पहुंचने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं …

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मृतक किसानों के परिवार राहुल गाँधी के साथ

प्रदेश और देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के बीच अब मंदसौर में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी  रैली करने जा रहे है जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है. राहुल गाँधी की इस रैली के लिए प्रदेश की कांग्रेस पूरी …

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कर्नाटक: मंत्रिमंडल का विस्तार कल संभव

खबर थी कि कर्नाटक में मंत्रिमंडल का विस्तार 5 जून को किया जाना है. मगर अब किन्ही करने से यही नहीं हो सका और इसके लिए कल यानी 6 जून को संभावना ये जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून को मंत्रिमंडल का पहला विस्तार संभव है. गौरतलब है कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडी(एस) के बीच खींचतान अब सुलझ गई है और कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों में विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई है.सूत्रों की मानें तो दोनों पार्टियां अपने-अपने कोटे के 2-3 पद खाली रखेगी. कांग्रेस के 22 में ले 19-20 और जेडीएस के 12 में से 9-10 मंत्री शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्रालय को लेकर दोनों पार्टी में खींचतान चल रही है. फ़िलहाल कांग्रेस को गृह, सिंचाई, बेंगलुरु डेवलेपमेंट, उद्योग एवं शुगर इंडस्ट्री, स्वास्थ्य, राजस्व, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण जैसे 22 मंत्रालय देने कि बात चल रही है वही जेडीएस के हिस्से में सूचना विभाग, खुफिया विभाग, वित्त एवं आबकारी, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पर्यटन, कॉपरेशन, शिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा, पशुपालन, बागवानी, छोटे उद्योग, परिवहन विभाग सहित 12 मंत्रालय दिए जाने पर सहमति बनी है. कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि कुमार स्वामी को बतौर मुख्यमंत्री पांच तक समर्थन दिया जायेगा. दोनों पार्टियां मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने कहा था कि हमारा फोकस केवल विभागों के बंटवारे पर नहीं है. गठबंधन को मजबूत बनाने और दोनों दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी के साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने जा रहे हैं. अहम मंत्रालयों को लेकर कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच बात बन गई है. वित्त मंत्रालय जेडी(एस) के पास रहेगा, वहीं गृह मंत्रालय कांग्रेस के मंत्री संभालेंगे. जेडी(एस) के महासचिव ने दानिश अली ने बताया, 'सभी मसलों को सुलझाकर गठबंधन सरकार को पांच साल तक कांग्रेस समर्थन देने के लिए राजी है और यह फैसला लिखित रूप में ऐलान किया जाएगा. हम चाहते हैं हर चीज लिखित हो, जिससे सरकार चलाने में मदद मिले. दोनों दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि एचडी कुमारस्वामी ही पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे.'

खबर थी कि कर्नाटक में मंत्रिमंडल का विस्तार 5 जून को किया जाना है. मगर अब किन्ही करने से यही नहीं हो सका और इसके लिए कल यानी 6 जून को संभावना ये जताई जा रही है. सूत्रों के हवाले …

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क्या होगा तिलमिलाए शरद यादव का अगला कदम

मौजूदा सियासत में विपक्ष की मजबूत धुरियों में से एक जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव भी विपक्षी एकजुटता का राग अलाप रहे है . वही दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सदस्यता से जुड़े उनके मामले पर एक खंडपीठ को सुनवाई करने की सिफारिश की है. शरद यादव ने संसद की सदस्यता से उन्हें अयोग्य करार दिए जाने के राज्यसभा के सभापति के आदेश को चुनौती दी थी. राज्यसभा में जेडीयू के नेता राम चंद्र प्रसाद सिंह के वकील ने कहा कि यादव को अयोग्य ठहराये जाने से जुड़े विषय की सुनवाई अन्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के मुताबिक एक खंडपीठ द्वारा की जानी चाहिए. न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि सिंह को इस सिलसिले में एक अलग याचिका दायर करनी चाहिए. सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी के जरिये अदालत के पिछले साल 15 दिसंबर के उस आदेश में संशोधन करने की मांग की, जिसके तहत यादव को सांसद के तौर पर वेतन भत्ता और बंगला की सुविधा पाने की इजाजत दी गई थी. गौरतलब है कि यादव को पिछले साल चार दिसंबर को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. साथ ही, उनके सहकर्मी अली अनवर को भी उच्च सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया था. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस संबंध में अपनी विज्ञप्ति में कहा कि तत्काल प्रभाव से उनकी राज्यसभा की सदस्यता समाप्त की जाती है. राज्यसभा के सभापति जेडीयू के इस तर्क से सहमत थे कि दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए और विपक्षी दलों के कार्यक्रमों में शामिल होकर स्वेच्छा से अपनी सदस्यता त्याग दी. जिसके बाद से शरद यादव तिलमाये हुए है.

मौजूदा सियासत में विपक्ष की मजबूत धुरियों में से एक जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव भी विपक्षी एकजुटता का राग अलाप रहे है . वही दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद की सदस्यता से जुड़े उनके मामले पर एक खंडपीठ को …

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….तो कांग्रेस की सरकार होती

पूर्व शहरी विकास मंत्री और इंडियन नेशनल कांग्रेस से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि "फर्जी वोटर नहीं होते तो मध्यप्रदेश में अभी कांग्रेस की सरकार होती." मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे में हाल ही में मध्यप्रदेश में फर्जी वोटर घोटाला सामने आया है जिसकी शिकायत कांग्रेस ने इलेक्शन कमिशन से की है, जिसकी जांच जल्द ही होनी है. बता दें, अपने बयान में कमलनाथ ने कहा है कि "पिछले चुनाव की बात करे तो अगर फर्जी वोटर नहीं होते तो स्वाभाविक तौर पर यहाँ पर कांग्रेस की सरकार होती." हाल ही में कांग्रेस की तरफ से उजागर हुए इस मामले में कमलनाथ ने बताया कि प्रदेश में कुल 12% फर्जी वोटर है, वहीं पिछले चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार का अंतर 6-7 % था." बता दें, हाल ही में मध्यप्रदेश में फर्जी वोटर की लिस्ट सामने आई थी जिसमें करीब 60 लाख वोटर फर्जी पाए गए थे जिनके नाम कई विधानसभाओं की लिस्ट में पाए गए थे, एक वोटर का नाम, उसका पता, उसकी फोटो, सहित सारी जानकारी कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी पाया गया था. कांग्रेस ने शुरूआती लेवल पर इसकी जांच की और सबूतों के साथ चुनाव आयोग में शिकायत की जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी जाँच शुरु कर दी, जिसकी रिपोर्ट 7 जून को चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी.

पूर्व शहरी विकास मंत्री और इंडियन नेशनल कांग्रेस से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि “फर्जी वोटर नहीं होते तो मध्यप्रदेश में अभी कांग्रेस की सरकार होती.” मध्यप्रदेश में इस …

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