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सुप्रीम कोर्ट ने RBI से किया सवाल 25 साल का होम लोन क्‍यों है महंगा

: सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से पूछा है कि आखिर लंबी अवधि के होम लोन की फ्लोटिंग ब्‍याज दर इतनी अधिक क्‍यों है, जबकि ब्‍याज दरों में बीते एक साल में कमी आई है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान मनी लाइफ फाउंडेशन की याचिका पर रिजर्व बैंक से यह सवाल किया है. कोर्ट ने कहा कि आरबीआई याचिकाकर्ता को बताए कि दीर्घअवधि के फ्लोटिंग लोन रेट कम करने के बारे में उसने क्‍या फैसला लिया है और वह इस योजना पर कैसे आगे बढ़ेगा. मनी लाइफ ने दाखिल की है याचिका मनी लाइफ फाउंडेशन ने अपनी याचिका में पूछा था कि जब ब्‍याज दरों में कमी आई तो क्‍यों दीर्घअवधि के लोन इतने महंगे क्‍यों हैं. इसका लाभ ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है. घर खरीदने के लिए होम लोन के जरिए उन्‍हें अधिक ब्‍याज चुकाना पड़ रहा है. कोई भी खरीदार संपत्ति खरीदते समय 80% फाइनेंस कराता है. लोन की राशि इतनी बड़ी होती है कि उसे 5 से 10 साल में आसानी से नहीं चुकाया जाता तो ग्राहक 15 से 25 साल या उससे अधिक की अवधि का लोन लेते हैं. ऐसे में ग्राहक को ब्‍याज के रूप में भारी रकम बैंक को अदा करनी पड़ती है. HOME लोन का हो जाएगा टोटा, RBI जड़ सकता है 1500 फाइनेंस कंपनियों पर ताला! रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया भारतीय रिजर्व बैंक नेे हाल में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिवर्स रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा है. MPC के 6 सदस्यों में 5 ने ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पक्ष में वोट किया. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. वित्त वर्ष 2019-20 में वृद्धि 7.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है. इससे पहले लगातार 2 मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया गया था. कच्चे तेल में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट के कारण महंगाई बढ़ने की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को बढ़ाया जा सकता है.

 सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से पूछा है कि आखिर लंबी अवधि के होम लोन की फ्लोटिंग ब्‍याज दर इतनी अधिक क्‍यों है, जबकि ब्‍याज दरों में बीते एक साल में कमी आई है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई …

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आम आदमी पार्टी ने मांगा मनोज तिवारी का इस्तीफा, जानिए क्यों

आम आदमी पार्टी ने मांगा मनोज तिवारी का इस्तीफा

केंद्र सरकार के ज़रिये दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार से नगर निगम को मिलने वाले फंड पर राजनीतिक बयानबाज़ी का सिलसिला थम नहीं रहा. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी की ओर से दिल्ली सरकार के बजट …

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सबरीमाला मंदिर केस: महिलाओं की एंट्री के फैसले के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं। मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया। नवम्बर से जनवरी तक जुटता है श्रद्धालुओं का मेला बता दें कि सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं। वह पोटली नैवेद्य (भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं) से भरी होती है। यहां मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। Air Force Day LIVE: वायुसेना के 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन, पीएम ने किया ट्वीट यह भी पढ़ें केरल सरकार ने किया कोर्ट के फैसले का सम्‍मान केरल सरकार सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगी। केरल सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की इस परंपरा को गलत बताया और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेज की इजाजत दे दीकेरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं। मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया। नवम्बर से जनवरी तक जुटता है श्रद्धालुओं का मेला बता दें कि सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं। वह पोटली नैवेद्य (भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं) से भरी होती है। यहां मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। Air Force Day LIVE: वायुसेना के 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन, पीएम ने किया ट्वीट यह भी पढ़ें केरल सरकार ने किया कोर्ट के फैसले का सम्‍मान केरल सरकार सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगी। केरल सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की इस परंपरा को गलत बताया और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेज की इजाजत दे दी

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना …

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वायुसेना दिवस के अवसर पर 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन

वायुसेना दिवस के अवसर पर 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन

वायुसेना दिवस के अवसर पर सोमवार को गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर वायु सेना दिवस पर कार्यक्रम शुरू हो चुका है। वायुसेना के 87वें स्थापना दिवस पर सुबह 8 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के जांबाज जमीन …

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राशिफल : जानिए, आज इन राशि वालों का दिन…

मेष – आपके कामकाज और बिजनेस का दायरा बढ़ने की संभावना है. इससे आपको फायदा होगा. महत्वपूर्ण काम निपटाने की कोशिश जरूर करें. अधूरे काम पूरे करने की योजना बन सकती है. दूसरों पर आपका पॉजिटिव असर पड़ सकता है. किसी …

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देश में बड़ा खतरा, होने वाली बिजली गुल्ल, कई राज्यों से तो बिजली…..

आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे है! जिससे आपके रोंगटे खड़े हो जायेगे! जी हां देश के बड़े हिस्सों को सामना करना पड़ रहा है ब्लैक आउट का! ब्लैक आउट का मतलब यानी देश से बिजली खत्म! देश …

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राशिफल 7 अक्टूबर 2018 : आज इन राशिवालों की रहेगी चांदी…

मेष – आपका व्यक्तित्व आकर्षक रहेगा. मन भी मजबूत रहेगा. घर, जमीन-जायदाद से संबंधित कुछ बहुत अच्छे और नए अवसर आपको मिल सकते हैं. ऑफिस के कुछ अधूरे मामले निपटाने में आप लगे रहेंगे. आपके मन की शंका भी दूर हो …

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बहुत चमत्कारी है दुर्गा बीसा यंत्र, एक उपाय से भर जाएगी झोली

हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़े पैमाने पर यंत्र विद्या का जिक्र मिलता है और ग्रंथों में तंत्र, मंत्र और यंत्र, इन तीनों मार्गों को जीवन सुखमय बनाने का मार्ग बताया गया है. ऐसे में यंत्रों को साक्षात देवी-देवता का स्वरूप कहा गया है और शास्त्रों में मंत्र को देवी-देवताओं की आत्मा कहा गया है और यंत्र को उनका शरीर. कहते हैं कि अगर इंसान को समस्त प्रकार के सुखों की प्राप्ति चाहिए तो उसे दुर्गा बीसा यंत्र अपनाना चाहिए. कहा जाता है कि यंत्र की पूजा करने से समस्त प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और साथ ही शास्त्रों में अनेक प्रकार के यंत्र बताए गए हैं, जो विभिन्न् कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं. ऐसे में उन सभी में से एक यंत्र है दुर्गा बीसा यंत्र. कहा जाता है यह चमत्कारिक मंत्र है जिसमें स्वयं देवी दुर्गा निवास करती है और इससे सब कुछ हांसिल किया जा सकता है. आपको बता दें कि दुर्गा बीसा यंत्र एक त्रिकोण की तरह होता है और उसमे एक केंद्र और उसके आसपास नौ त्रिकोण खाने होते हैं. इस यंत्र केअलग-अलग खानों में 1 से 9 तक के अंक लिखे होते हैं और केंद्र में 'दुं" लिखा होता है. साथ ही यह इस यंत्र के तीन ओर 'ऊं दुं दुं दुं दुर्गायै नम:" मंत्र लिखा होता है. आपको बता दें कि इस यन्त्र को 'ऊं दुं दुं दुं दुर्गायै नम:" मंत्र की एक माला से सिद्ध किया जाता है और सिद्ध होने के बाद इसे चांदी के ताबीज में भरकर अपनी दाहिनी भुजा में बांधें या गले में पहन लेना चाहिए या फिर इसे चांदी की डिबिया में रखकर तिजोरी में भी रख देना चाहिए इससे आपकी भी रक्षा होती है और घर में खूब पैसा भी आता है.

हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़े पैमाने पर यंत्र विद्या का जिक्र मिलता है और ग्रंथों में तंत्र, मंत्र और यंत्र, इन तीनों मार्गों को जीवन सुखमय बनाने का मार्ग बताया गया है. ऐसे में यंत्रों …

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CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ

आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही भाजपा सरकार की इस पारी की अंतिम बैठक थी। ADVERTISING inRead invented by Teads लोगों को अनुमान था कि चुनाव को देखते हुए इस बैठक में कुछ लोक लुभावने निर्णय लिए जा सकते हैं। सरकार ने इस बैठक में जो निर्णय लिए, वे कई मायनों में बेहद खास हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय बेटियों को उनका हक दिलाने का रहा। राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2007 में बदलाव कर एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इस नीति की परिभाषा ही बदल दी है। अब इस दायरे में परिवार की शादीशुदा बेटियां भी आएंगी और उन्हें अपने माता-पिता के परिवार का आजीवन हिस्सा माना जाएगा। वर्तमान कानून के मुताबिक सरकार की कई योजनाओं में पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवार की सूची से बाहर रखा जाता था, लेकिन अब किसी भी मामले में प्रभावित परिवार के सदस्यों की सूची में परिवार की विवाहित बेटी को भी पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ यह भी पढ़ें इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वेट की दर कम करने संबंधि अधिसूचना भी जारी कर दी है। बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। चाहे कोई भी सरकार बने, यह विजन अटल रहेगा आचार संहिता लगने से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में दो बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास यह भी पढ़ें बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। राज्य में आगे चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने अटल विकास दृष्टि पत्र उसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में काम आएगा। इस दृष्टि पत्र के आधार पर चलकर साल 2025 तक समाज के हर एक तबके में विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दृष्टि पत्र एक निर्णायक कदम है जिसे आधार बनाकर वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ स्मार्ट, सशक्त, समृद्ध, हरित और खुशहाल राज्य होगा। ऐसे तैयार हुआ यह दृष्टि पत्र CG : दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव, इस दिन आएंगे नतीजे यह भी पढ़ें उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को डोंगरगढ़ से अटल विकास यात्रा की शुरूआत की गई थी। इस विकास यात्रा के दौरान सीएम डॉ रमन ने समाज के हर एक वर्ग और तकबे से मिलकर विकास के संबंध में उनकी आंकांक्षाओं की जानकारी ली और इसी आधार पर 2025 तक राज्य के सुनियोजित विकास के लिए अटल दृष्टि पत्र तैयार किया गया है।आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही भाजपा सरकार की इस पारी की अंतिम बैठक थी। ADVERTISING inRead invented by Teads लोगों को अनुमान था कि चुनाव को देखते हुए इस बैठक में कुछ लोक लुभावने निर्णय लिए जा सकते हैं। सरकार ने इस बैठक में जो निर्णय लिए, वे कई मायनों में बेहद खास हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय बेटियों को उनका हक दिलाने का रहा। राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2007 में बदलाव कर एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इस नीति की परिभाषा ही बदल दी है। अब इस दायरे में परिवार की शादीशुदा बेटियां भी आएंगी और उन्हें अपने माता-पिता के परिवार का आजीवन हिस्सा माना जाएगा। वर्तमान कानून के मुताबिक सरकार की कई योजनाओं में पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवार की सूची से बाहर रखा जाता था, लेकिन अब किसी भी मामले में प्रभावित परिवार के सदस्यों की सूची में परिवार की विवाहित बेटी को भी पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ यह भी पढ़ें इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वेट की दर कम करने संबंधि अधिसूचना भी जारी कर दी है। बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। चाहे कोई भी सरकार बने, यह विजन अटल रहेगा आचार संहिता लगने से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में दो बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास यह भी पढ़ें बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। राज्य में आगे चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने अटल विकास दृष्टि पत्र उसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में काम आएगा। इस दृष्टि पत्र के आधार पर चलकर साल 2025 तक समाज के हर एक तबके में विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दृष्टि पत्र एक निर्णायक कदम है जिसे आधार बनाकर वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ स्मार्ट, सशक्त, समृद्ध, हरित और खुशहाल राज्य होगा। ऐसे तैयार हुआ यह दृष्टि पत्र CG : दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव, इस दिन आएंगे नतीजे यह भी पढ़ें उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को डोंगरगढ़ से अटल विकास यात्रा की शुरूआत की गई थी। इस विकास यात्रा के दौरान सीएम डॉ रमन ने समाज के हर एक वर्ग और तकबे से मिलकर विकास के संबंध में उनकी आंकांक्षाओं की जानकारी ली और इसी आधार पर 2025 तक राज्य के सुनियोजित विकास के लिए अटल दृष्टि पत्र तैयार किया गया है।

आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा …

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शिक्षकों के लिए काम की खबर, जान लें वेतन से होगी कितनी कटौती

जिन शिक्षकों की वार्षिक आय तीन से पांच लाख रुपये के बीच होगी, उनके वेतन से सेवा कर के रूप में एक हजार रुपये की एकमुश्त कटौती होगी। पांच से दस लाख के वेतनमान वाले शिक्षकों के वेतन से दो हजार से ढाई हजार रुपये की कटौती होगी। नियोजित शिक्षकों के वेतन से सीधे राशि की कटौती नहीं होगी। उन्हें जैसे वेतन जारी होता है होगा बाद में संबंधित शिक्षक चालान के माध्यम से सेवा कर कोषागार में जमा करेंगे। अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला प्रदेश के सरकारी नियोजित और नियमित शिक्षकों को फिलहाल अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला है। नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने बीते मंगलवार को 21 अरब रुपये जारी किए। जिलों की इकाई द्वारा पूर्व में दिए गए पैसों का हिसाब किताब नहीं दिए जाने की वजह से ट्रेजरी लॉक है। दूसरी ओर नियमित शिक्षकों के दो महीने के बकाया वेतन के लिए अब तक राशि स्वीकृत नहीं की गई है। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर पूजा के पहले वेतन राशि जारी करने का आग्रह किया है।

जिन शिक्षकों की वार्षिक आय तीन से पांच लाख रुपये के बीच होगी, उनके वेतन से सेवा कर के रूप में एक हजार रुपये की एकमुश्त कटौती होगी। पांच से दस लाख के वेतनमान वाले शिक्षकों के वेतन से दो …

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