पर्यटन

सांभर साउथ इंडिया की नहीं बल्कि महाराष्ट्र की देन है, आप भी जानकर हो जायेंगे हैरान

इडली, डोसे और वडे के साथ परोसा जाने वाला सांभर बेशक दक्षिण भारत की पहचान है लेकिन स्वाद और सेहत से भरपूर होने की वजह से इसका स्वाद अब आप ज्यादातर जगहों पर ले सकते हैं। लेकिन हम में से …

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कोलकाता के इन मंदिरों में दुर्गा पूजा के दौरान, होती है अलग ही रौनक

कालीघाट काली मंदिर देश के 51 शक्ति पीठों में से एक है। हुगली नदी के तट पर बना यह मंदिर पूरी दुनिया मे मशहूर है। इस मंदिर से लगा घाट कालीघाट के नाम से जाना जाता है। किसी ज़माने मे …

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होता है चांद पर चलने जैसा एहसास चंद्रताल लेक पर ट्रैकिंग के दौरान

फेस्टिवल्स के साथ ही शुरू होता है घूमने-फिरने का भी सीज़न। तो लॉन्ग हॉलीडे में ऐसी जगहों की प्लानिंग करना ज्यादा बेहतर रहेगा जहां आप एक साथ कई सारी चीज़ों को एन्जॉय कर सकें। चंद्रताल लेक ऐसी ही जगहों में …

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एशिया के सबसे पुराने देवदार का पेड़ देखने और स्कीइंग का मजा लेना हो तो चकराता आएं

आसमान छूते हुए पहाड़, हरे-भरे जंगल और पहाड़ों से गिरते हुए झरने, घूमने के लिए है बेहतरीन जगह। अगर आप ऐसी किसी जगह जाकर छुट्टियां बिताने की सोच रहे हैं तो उत्तराखंड में चकराता होकर आएं। समुद्र तल से 2118 मीटर की ऊंचाई वाली ये जगह ऑफबीट डेस्टिनेशनंस में शामिल है लेकिन यहां घूमने-फिरने के ऑप्शन्स की कोई कमी नहीं। साथ ही 2-3 दिनों में आप आसानी से चकराता की हर एक जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। तो और किन खूबियों को समेटे हुए है चकराता, आइए जानते हैं... ADVERTISING inRead invented by Teads चकराता में आसपास घूमने वाली जगहें कानासर चकराता शहर से 26 किमी दूर बसा कानासर हनीमून के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। जिसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाने का काम करते हैं हरे-भरे जंगल। कानासर में एशिया का सबसे पुराना और बड़ा देवदार का पेड़ देखा जा सकता है। जिसकी वजह से ये जगह बहुत ही मशहूर है। सैन फ्रांसिस्को के इन मशहूर वेजिटेरियन रेस्टोरेंट्स का स्वाद आपको हमेशा रहेेेगा याद यह भी पढ़ें लाखामंडल सस्ते फैब्रिक्स से लेकर जंक जूलरी तक हर चीज की बजट में करें शॉपिंग दिल्ली के इन मार्केट्स से यह भी पढ़ें चकराता में बना लाखामंडल बहुत ही मशहूर शिव मंदिर है। भगवान शिव के अलावा यहां और भी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर में ग्रेफाइट से बनी शिव जी की मूर्ति विराजमान है। महाभारत में वर्णित लक्षागृह और लाखामंडल एक ही जगह है। जहां दुर्योधन ने पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की थी। गांधी जी के जीवन और संघर्ष की कहानी बयां करते हैं ये 5 पर्यटन स्थल यह भी पढ़ें मुंडाली चकराता के जंगलों में अकेले बैठकर शांति के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो मुंडाली का रूख करें। लगभग 36 किमी की दूरी वाली इस जगह से आप हिमालय के खूबसूरत पहाड़ों को आसानी से देख सकते हैं। इसके अलावा मुंडाली स्कीइंग के लिए भी मशहूर है। सर्दियों में यहां आकर स्कीइंग का मजा लिया जा सकता है। इन 6 बेहतरीन ट्रांसलेटिंग एप्स से बनाएं अपने देश-विदेश के सफर को और भी ज्यादा आसान यह भी पढ़ें चकराता में घूमने वाली जगहों की कोई कमी नहीं यहां कुल 14 टूरिस्ट स्पॉट्स हैं। इन जगहों के अलावा कलसी, चिलमिरी नेक, रामतल गॉर्डन, मोइगद फॉल, किमोना फॉल, महाशू देवता मंदिर देखने वाली खूबसूरत जगहें हैं। जहां जाकर आप सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं। डेजर्ट से लेकर जंगल सफारी तक का ले सकते हैं मज़ा इन जगहों पर जाकर यह भी पढ़ें इन एक्टिविटीज का भी ले सकते हैं मज़ा वाटर रेपलिंग 'सनबर्न' में गूंजेंगी संगीत की सुरलहरी यह भी पढ़ें चकराता में कई ऐसी जगहें हैं जहां आप वाचर रेपलिंग का मज़ा ले सकते हैं। पहाड़ों से गिरते हुए झरने में रेपलिंग करना जितना मजेदार होता है उतना ही एडवेंचरस भी। रॉक क्लाइम्बिंग गायब होने की कगार पर पहुंच चुके बारहसिंगा को इस नेशनल पार्क में देख पाना है मुमकिन यह भी पढ़ें ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने का एक्सपीरियंस लेना है तो देवबन का जंगल है परफेक्ट डेस्टिनेशन। इस एडवेंचर को सही तरीके से करने के लिए यहां ट्रेनर्स भी मौजूद होते हैं। बुधेर गुफा एक्सप्लोर यहां दाल-बाटी का तीखा-चटपटा तो मावा कचौड़ी का मीठा स्वाद हर किसी को बना देता है अपना कायल यह भी पढ़ें चकराता से 30 किमी दूर है बुधेर गुफा। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं को पांडवों ने बनवाया था। जो एडवेंचर के लिहाज से काफी अच्छी जगह है। ऑफबीट डेस्टिनेशन में शामिल होने की वजह से यहां लोगों की कम ही भीड़ देखने को मिलती है। देवबन बर्ड वॉचिंग चकराता से लगभग13 किमी दूर देवबन भी घूमने के लिए बहुत ही बेहतरीन जगह है। 2200 मी की ऊंचाई पर स्थित देवबन चारों ओर देवदार के जंगलों और बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है। जहां कई खूबसूरत और अलग-अलग तरह के पक्षी देखने को मिलते हैं। जैसे- रसेट स्पेरो, येलो क्राउंड वुडपेकर, हिमालयन वुडपेकर, कॉमन हॉक कक्कू और वल्चर। टाइगर फॉल ट्रैक चकराता आकर टाइगर फॉल नहीं देखा तो बहुत कुछ मिस किया। ये एक बहुत ही अच्छा पिकनिक स्पॉट है जहां तक पहुंचने के लिए आपको 5 किमी का ट्रैक करना पड़ता है। ऊंचे पहाड़ से गिरते हुए झरने में आप नहाने का आनंद भी ले सकते हैं। कैसे पहुंचे हवाई मार्ग- जॉली ग्रांट यहां तक पहुंचने का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है। जहां से चकराता की दूरी 113 किमी है। एयरपोर्ट से चकराता जाने के लिए आपको आसानी से टैक्सी मिल जाएंगी। रेल मार्ग- देहरादून यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से चकराता 87 किमी दूर है। बस या कैब से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग- उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसें देहरादून और चकराता के लिए लगातार चलती रहती हैं। जिससे आप कम पैसे में यहां तक पहुंच सकते हैं।

आसमान छूते हुए पहाड़, हरे-भरे जंगल और पहाड़ों से गिरते हुए झरने, घूमने के लिए है बेहतरीन जगह। अगर आप ऐसी किसी जगह जाकर छुट्टियां बिताने की सोच रहे हैं तो उत्तराखंड में चकराता होकर आएं। समुद्र तल से 2118 …

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गायब होने की कगार पर पहुंच चुके बारहसिंगा को इस नेशनल पार्क में देख पाना है मुमकिन

सतपुड़ा पहाडि़यों से घिरा यह नेशनल पार्क 1945 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। वैसे तो यह मध्य प्रदेश में आता है, लेकिन यहां पहुंचने वाले अधिकतर पर्यटक नागपुर होकर आते हैं, क्योंकि नागपुर से यहां तक बढि़या सड़क मार्ग है। वैसे, मध्य प्रदेश के जबलपुर से होकर भी यहां जाया जा सकता है। अतीत के पन्नों को खंगाल कर देखें, तो पता चलता है कि 1879-1910 ईस्वी तक यह क्षेत्र अंग्रेजों के शिकार का प्रमुख स्थल था। कान्हा को अभयारण्य के रूप में 1933 में स्थापित किया गया, जबकि देश की आजादी के 8 साल बाद 1955 में इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया। यहां अनेक पशु-पक्षियों को संरक्षित किया गया है। रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की प्रेरणा भी इसी जगह से ली गई थी। पुस्तक में वर्णित यह स्थान मोगली, बगीरा, शेरखान आदि पात्रों का निवास स्थल है। कान्हा एशिया के सबसे खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वो में से एक माना जाता है। यहां के खुले घास के बड़े मैदानों में काला हिरन, बारहसिंहा, सांभर और चीतल एक साथ नजर आते हैं। कान्हा के टाइगर अमूमन लोग यहां पर टाइगर देखने आते हैं। कान्हा नेशनल पार्क में मौजूदा समय में कुल करीब 131 टाइगर हैं। लेकिन यहां पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय टाइगर है मुन्ना। संख्या के लिहाज से मुन्ना को टी17 का नाम दिया गया है। 2002 में पैदा हुआ यह मुन्ना टाइगर पर्यटकों के साथ-साथ यहां के लोगों में भी खासा लोकप्रिय है। आज 16 साल की उम्र में भी इसकी फुर्ती का जवाब नहीं है और मौजूदा समय में यह कान्हा के किसली हिस्से पर अपनी दादागिरी जमाए हुए है। जहां इसके समय के कई अन्य टाइगर या तो वर्चस्व की लड़ाई में मारे गए या फिर गायब हो गए, वहीं मुन्ना अपनी पूरी चमक के साथ कायम है। यहां दाल-बाटी का तीखा-चटपटा तो मावा कचौड़ी का मीठा स्वाद हर किसी को बना देता है अपना कायल यह भी पढ़ें बारहसिंघा के लिए मशहूर बिना वीजा दुनिया के इन खूबसूरत देशों में लें घूमने-फिरने का मजा यह भी पढ़ें 20 साल पहले विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी बारहसिंहा की प्रजातियां भी यहां देखने को मिल जाती हैं। कटीले तारों की फेंसिंग करके यहां पर बारहसिंघा को संरक्षित किया गया। मौजूदा गणना में अब यहां पर करीब 1000 से भी अधिक बारहसिंघा हो गए हैं। जिस तरह से इन दुर्लभ जानवरों को संरक्षित किया गया, उसकी सराहना पूरी दुनिया में हुई है। दिसंबर माह के अंत से जनवरी के मध्य तक बारहसिंगों के प्रजनन का समय रहता है। अगर आप इस समय यहां घूमने आएंगे, तो इनको काफी करीब से देख पाएंगे।

सतपुड़ा पहाडि़यों से घिरा यह नेशनल पार्क 1945 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। वैसे तो यह मध्य प्रदेश में आता है, लेकिन यहां पहुंचने वाले अधिकतर पर्यटक नागपुर होकर आते हैं, क्योंकि नागपुर से यहां तक बढि़या सड़क …

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जानिए दुनिया के इस खतरनाक रास्ते पर पहली बार रोमांच का सफर

रोमांच के शौकीनों के लिए विश्व पर्यटन दिवस खास रहा। पहली बार 25 पर्यटकों ने एतिहासिक गर्तांगली की सैर कर रोमांच का अहसास किया। दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार इसी मार्ग से एक दौर में भारत-तिब्बत के बीच …

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बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन है देहरादून

देहरादून एक बहुत ही खूबसूरत शहर है. यहां का मौसम हर सीजन में सुहाना रहता है. सर्दियों के मौसम में देहरादून में बहुत ठंड पड़ती है, पर गर्मियों के मौसम में देहरादून का टेंपरेचर करीब 35 डिग्री के आसपास रहता …

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एडवेंचर का शौक है तो बाली मे ले वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज का मजा

ज्यादातर लोगों को एडवेंचर का शौक होता है. लोग अपने एडवेंचर के शौक को पूरा करने के लिए पहाड़ों पर ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, राफ्टिंग और वाटर स्पोर्ट्स  का मजा लेना पसंद करते हैं. अगर आपको भी एडवेंचर का शौक है …

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बहुत ही साफ-सुथरे और दुनिया के अजूबों में शामिल इस मंदिर की हर एक चीज है खास

तमिलनाडू के मदुरै शहर में है। जो काफी पुराने और खूबसूरत मंदिरों में से एक है। मंदिर अपनी बनावट की वजह से दुनिया के अजूबों में शामिल है। साथ ही इसे सबसे स्वच्छ मंदिर  की लिस्ट में भी रखा गया …

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ट्रैवलिंग के दौरान इन स्मार्ट टिप्स को अपनाकर रहें हर तरह से टेंशन फ्री

ट्रैवल के लिए बैग पैकिंग करते समय कपड़ें, फुटवेयर्स और एक्सेसरीज़ मिस हो जाएं तो इतनी परेशानी नहीं होती जितनी किसी डॉक्यूमेंट के मिस होने पर होती है। खासतौर से जब आप देश से बाहर कहीं घूमने जा रहे हों …

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