9 अप्रैल को उनका जन्मदिन है इस मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें. कहा जाता है बेहतरीन अदाकारा जया बच्चन ने जब पहली बार अमिताभ बच्चन को FTII में देखा था तो उन्होंने अपनी एक दोस्त से कहा था कि उन्हें बिग बी की आंखों में एक गहराई सी नज़र आती है. वहीं, हम बॉलीवुड के महानायक की बात करें तो उन्होंने जब एक मैगजीन के कवर पेज पर जया की तस्वीर देखी तो एक नजर में ही उन्हें भा गई. दरअसल, अमिताभ चाहते थे कि उनकी शादी एक ऐसी लड़की से हो जो वक्त के हिसाब से मार्डन भी हो लेकिन पारंपरिक छवि भी समेटे हुए हो. जया भादुड़ी में वो सब गुण मौजूद थे जो बिग बी अपनी पत्नी में देखना चाहते थे.
जया बच्चन और अमिताभ की मुलाकात ऋषिकेश मुखर्जी ने अपनी फ़िल्म ‘गुड्डी’ के सेट पर कराई थी. इसके बाद 1973 में अमिताभ बच्चन और जया साथ-साथ ‘ज़ंजीर’ में नजर आए. इसी फ़िल्म के दौरान दोनों करीब आए और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया.
अमिताभ अपनी फिल्म जंजीर की सफलता का जश्न वो और जया लंदन मनाना चाहते थे. मगर जब अमिताभ के पिताजी हरिवंशराय बच्चन को इस बात का पता चला तो उन्होंने कहा कि अगर बाहर जाना ही है तो पहले दोनों लोग शादी कर लो इसके बाद साथ विदेश घूमने चले जाना. दोनों ने शादी कर ली और इस तरह एक सक्सेस कपल के तौर पर दोनों का नाम फिल्म इंडस्ट्री में लिया जाता है. आपको शायद ही मालूम हो कि जया लिखती भी हैं और अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फ़िल्म ‘शहंशाह’ (1988) की स्टोरी जया बच्चन ने ही लिखी थी.
1976 में फिल्म दो अंजाने की शूटिंग के दौरान अमिताभ और रेखा के अफेयर की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया. ये खबर आग की तरह तब फैल गई जब ऋषि कपूर और नीतू की शादी में रेखा मांग में सिंदूर लगा के आईं थीं. जया भी इन सारी अफवाहों से वाकिफ थीं पर उन्होंने अमिताभ से कभी भी इस बारे में नहीं पूछा. उन्हें अमिताभ पर भरोसा था. हां, मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने एक दिन रेखा को अपने घर बुलाकर बस इतना कहा था कि वो बिग बी को कभी नहीं छोड़ेंगी. उसके बाद से रेखा अमिताभ से दूर हो गईं और फिर दोनों को कभी एक साथ नहीं देखा गया.
परिवार और कैरियर दोनों ही मोर्चों पर जया ने बड़ी ही समझदारी से ताल-मेल बिठाया है. इस बात से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जया ‘शोले’ की शूटिंग कर रहीं थीं, तब वो प्रैग्नेंट थीं. उनके गर्भ में उनकी बड़ी बेटी श्वेता बच्चन पल रही थीं. 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर, मध्यप्रदेश में जन्मीं जया ने महज 15 साल की छोटी सी उम्र से ही एक्टिंग कैरियर शुरू किया था, उन्होंने डायरेक्टर सत्यजीत रे की बंगाली फ़िल्म ‘महानगर’ (1963) में सपोर्टिंग एक्ट्रेस का किरदार निभाया था. तब से लेकर आज तक जया ने लम्बा सफ़र तय कर लिया है.
जया बच्चन ने एक्टिंग की बाकायदा पढ़ाई भी की है. जया, फ़िल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआई) से गोल्ड मेडल के साथ पासआउट हुईं हैं. कुछ एक्टर्स के नाम तक जया बच्चन ने ही रखे हैं. बता दें कि फेमस एक्टर डैनी को उनका नाम जया बच्चन ने ही दिया था. वो एफटीआई में जया के जूनियर थे. डैनी का असली नाम शेरिंग फैंटसो था.
1992 में ही जया बच्चन को ‘पद्मश्री’ सम्मान मिल चुका है. उन्हें उपहार, अभिमान, कोरा कागज, नौकर, हजार चौरासी की मां, फिजा, कभी खुशी कभी गम और कल हो ना हो जैसी फ़िल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है