जयपुर। राजस्थान के शिक्षा विभाग ने क्लास दो से आठ तक के छात्रों का सिलेबस कम कर स्कूल खोलने का संकेत दे दिया है। विभाग ने बताया है कि बचे हुए सिलेबस के प्रत्येक पाठ के हिसाब से क्लासेज का अरेंजमेंट किया जाएगा। यह क्लासेज तभी लगेंगी जब स्कूल को खोल दिया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते केंद्र सरकार ने स्कूल कॉलेजेस को बंद कर दिया था। ताकि बच्चे इस जानलेवा वायरस के चपेट में न आए। लेकिन विभाग की इस कदम से ऐसा लग रहा है कि सरकार फिर से स्कूल खोलने जा रही है। अब कोरोना नियंत्रण के साथ ही स्कूल की घंटियां फिर से बजेंगी।

पहली क्लास के बच्चों का नहीं होगा सिलेबस कम-
विभाग ने क्लास एक के बच्चों का सिलेबस कम नहीं किया। इसका कारण बताते हुए विभाग ने कहा कि सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए सामान्य अवसर उपलब्ध होना चाहिए। इस हिसाब से पहली क्लास के बच्चों का सिलेबस कम करने का कोई मतलब नहीं बनता है। दरअसल, पहले क्लास के बच्चो ने स्कूल ही नहीं देखा है, क्योंकि सरकारी स्कूल पहली क्लास से शुरू होते हैं। जो इस बार शुरू ही नहीं हुए। विभाग का कहना है कि शिक्षक को जैसे ही मौका मिले बच्चों को मात्रा और वर्णमाला सिखा दे। बाकी बचे कोर्स को दूसरी क्लास में पूरा किया जाएगा।
जारी की जाएगी ऑनलाइन सिलेबस की सूची-
विभाग ने बताया कि दूसरी क्लास से आठवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए सिलेबस की सूची जारी की गई है। इसमें यह बताया गया है कि कौन सा पाठ हटा है और कौन-सा नहीं। यह नया सिलेबस राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। यहां से इस नए सिलेबस को सभी स्टूडेंट्स और स्कूल संचालक डाउनलोड कर सकेंगे। जब विभाग ने टाइमटेबल लगने की बात कही, तो यह स्पष्ट हो गया कि स्कूल अब खुल सकते हैं।कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग अगले सत्र को बढ़ाते हुए अगले एक महीने में स्कूल खोल सकता है। शुरू में बड़ी क्लासेज खुलेंगी, उसके बाद दूसरी क्लासेज का नंबर आएगा।
वर्कबुक के आधार पर हो सकती है परीक्षा-
अगले सत्र की शुरुआत कब करनी और इस सत्र की परीक्षा कब और कैसे आयोजित करनी है, इन सबकी तैयारी शिक्षा विभाग कर रहा है। विभाग ने तो एक वर्कबुक की भी तैयारी कर ली है, जिसे निजी और सरकारी स्कूलों में बांटा जाएगा। इसी वर्कबुक के आधार पर शिक्षा विभाग बच्चों की परीक्षा ले सकता है। फिलहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है। वर्कबुक तैयार हो चुकी है और वह अपने प्रकाशन के अंतिम चरण में है। विभाग अगर लिखित परीक्षा का आयोजन करता है तो बच्चों को स्कूल आना पड़ेगा और उसके लिए स्कूलों को फिर से शुरू करना होगा।
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