पंचायत समिति के कार्यों की निगरानी (मॉनिटरिंग) प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पूर्व की भांति करते रहेंगे। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी किया है। विभाग ने यह भी कहा है कि बीडीओ ही समिति की स्थापना का कार्य देखेंगे। हालांकि, इसको लेकर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों (बीपीआरओ) ने आपत्ति जतायी है और विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है।
मालूम हो कि बीडीओ की जगह बीपीआरओ को ही पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया है। इसको लेकर पंचायत राज अधिनियम में संशोधन भी किया गया है। इसके बाद विभाग द्वारा बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में पदस्थापन किया गया है। बीडीओ के कार्यों की अधिकता को देखते हुए सरकार ने अधिनियम में संशोधन कर यह व्यवस्था कायम की थी।
इसी बीच विभाग द्वारा जारी आदेश कि बीडीओ पूर्व की तरह मॉनिटरिंग और स्थापना का कार्य देखते रहेंगे, पर बिहार पंचायत सेवा संघ ने विभागीय प्रधान सचिव को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की है। इसमें संघ ने कहा है कि अधिनियम की धारा 61 (ख) में यह प्रावधान है कि पंचायत समिति के अधीन कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मचारियों अथवा पदधारकों के कर्तव्यों का निर्धारण, पर्यवेक्षण और नियंत्रण कार्यपालक पदाधिकारी करेंगे। इस तरह उक्त आदेश कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गई शक्ति के विरुद्ध है। ऐसे में उक्त दोनों पदाधिकारियों के बीच भ्रम और टकराव की स्थिति बनी रहेगी।