अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 2021 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। आईसीसी चाहता है कि 1998 से शुरू हुए चैंपियंस ट्रॉफी का प्रारूप अब 50 ओवर से बदलकर टी20 कर दिया जाए।
आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी के 9वें एडिशन की मेजबानी भारत को सौंपी है। बता दें कि 2013 और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी आयोजन इंग्लैंड में हुआ था। आईसीसी ने मौजूदा वित्तीय चक्र में हुए नुकसान की भरपाई करने के इरादे से यह प्रस्ताव रखा है।
यह तय है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2021 की मेजबानी भारत करेगा, लेकर आईसीसी टैक्स संबंधित मामले को देखते हुए इसे कही और आयोजित करने के बारे में भी विचार कर रही है। आईसीसी को उम्मीद है कि अन्य देशों के समान भारत की सरकार भी देश में एक वैश्विक खेल आयोजन की मेजबानी से उत्पन्न राजस्व पर कर छूट देगी।
ऐसा 2011 वर्ल्ड कप में भी हो चुका है, जिसकी मेजबानी भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के संयुक्त तत्वावधान में हुई थी। भारत ने 2016 वर्ल्ड टी20 की मेजबानी अकेले की थी, तब टैक्स में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई थी।
BCCI के विरोध की असली वजह
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हालांकि चैंपियंस ट्रॉफी के प्रारूप में बदलाव करने के प्रस्ताव से पूरी तरह इंकार कर दिया है। ICC ने फरवरी में की अपने बोर्ड की बैठक में कहा था, ‘भारतीय सरकार की तरफ से कर में छूट नहीं देने की चिंता सता रही है।’
यही नहीं, आईसीसी ने 2021 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी किसी और देश में कराने के लिए खोज करना शुरू कर दिया था। सूत्रों से पचास से 20 ओवर करने के प्रस्ताव का मजबूती से विरोध किया है।
एक सूत्र ने कहा, ‘फॉर्मेट कभी नहीं बदल सकता। चैंपियंस ट्रॉफी हमारे पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के विजन का हिस्सा है। उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर इसका आयोजन भारत में होने जा रहा है। इस संभावित बदलाव के बारे में बीसीसीआई को बताया गया है। अगर आईसीसी इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ती है तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।’