नई दिल्ली: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की तबीयत बिगड़ गई है। इलाज के लिए उन्हें पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया है। पहले उन्हें अंबाला हॉस्पिटल से उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर किया गया था। विज के फेफड़े में इंफेक्शन की शिकायत है।
विज ने 20 नवंबर को कोरोना टीका ‘कोवाक्सीन’ की पहली डोज लगवाई थी। 5 दिसंबर को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वह वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके बाद इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय को सफाई देकर बताया था कि अनिल विज को भारत बायोटेक और ICMR की ओर से विकसित की जा रही ‘कोवाक्सीन’ की डोज दी गई थी।
बाद में विज ने कहा था कि डॉक्टरों ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि कोरोना की वैक्सीन दूसरा डोज लेने के लगभग 14 दिन बाद से काम करना शुरू करेगी। वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज लगने के 28 दिन बाद लगाई जाती है।
जिसके 14 दिन बाद एंटीबॉडीज विकसित होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 42 से 45 दिन का वक्त लग सकता है। इसके बीच में वैक्सीन से कोई सुरक्षा नहीं मिलती।
वैक्सीन लगवाने के बाद विज 5 दिसंबर को अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। मेदांता भेजे जाने से पहले हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पीजीआई रोहतक में भर्ती थे, 12 दिसंबर को उन्हें पीजीआई रोहतक शिफ्ट किया गया था।
विज ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से Bharat Biotech द्वारा विकसित की जा रही COVID-19 के खिलाफ स्वदेशी संभावित वैक्सीन ‘कोवाक्सीन’ के लिए क्लिनिकल ट्रायल फेज 2 में पहला स्वयंसेवक बनने की पेशकश की थी।