दलबदल कानून के आरोप के तहत दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल वाजपेयी और देवेंद्र सहरावत के खिलाफ सुनवाई प्रक्रिया शुरू करने के बाद सोमवार को दो और बागी विधायकों कपिल मिश्र और संदीप कुमार को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया है इन विधायकों ने कानून का उल्लंघन किया है, क्यों न इनकी सदस्यता रद कर दी जाए? इनसे नौ जुलाई तक जवाब देने को कहा गया है। दोनों विधायक पूर्व में केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे हैं।

कपिल मिश्र करावल नगर से विधायक हैं, जबकि संदीप कुमार सुल्तानपुर माजरा से विधायक हैं। इनके खिलाफ आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी की ओर से विधानसभा में याचिका लगाई है। भारद्वाज का कहना है कि दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के पूरे प्रमाण हैं।
सौरभ भारद्वाज के अनुसार, कपिल मिश्र पार्टी की नीति के खिलाफ जाकर लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिताने के लिए भाजपा के समर्थन में अभियान चला चुके हैं। हमारी पार्टी के मुखिया अर¨वद केजरीवाल के खिलाफ ‘केजरीवाल भगाओ दिल्ली बचाओ’ अभियान चला चुके हैं। पिछले माह स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को लेकर भाजपा द्वारा उपराज्यपाल को दिए गए शिकायती पत्र में भी कपिल मिश्र ने दस्तखत किए हैं।
वहीं, विधायक संदीप कुमार भी बसपा के मंचों पर जा चुके हैं। भारद्वाज का कहना है कि दूसरे दल के मंच पर जाना, अपनी पार्टी के नेता और पार्टी की नीति की आलोचना करना भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में आता है।
वाजपेयी और सहरावत को तीन जुलाई को देना है जवाब
आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत और अनिल वाजपेयी को तीन जुलाई को अपना जवाब दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को देना है। इस मुद्दे पर अध्यक्ष द्वारा चार जुलाई को सुनवाई करनी है। इन दोनों को भी आप विधायक एवं पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की याचिका पर नोटिस जारी किया गया था।
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