चुनाव आयोग की सिफारिश पर हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद आज आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की किस्मत पर फैसला आ सकता है. आयोग की राय पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा स्टे देने से इनकार करने के बाद आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस मसले पर कोई आदेश जारी कर सकते हैं.
दरअसल, शुक्रवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है. इन विधायकों को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप है.
चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी और स्टे की गुहार लगाई थी. लेकिन हाई कोर्ट ने आप विधायकों को राहत देने के लिए कोई भी अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया.
हाई कोर्ट ने क्या कहा
हाई कोर्ट ने आप की अपील पर कहा, ‘आपके पास उच्च न्यायालय से रोक नहीं है, लेकिन आपने चुनाव आयोग से कहा कि वह मामले को नहीं छुए क्योंकि इस मामले पर उच्च न्यायालय विचार कर रहा है. आपका आचरण इस तरह का है कि आपने चुनाव आयोग के पास जाने का खयाल नहीं रखा. उच्च न्यायालय ने आपको चुनाव आयोग के पास जाने से नहीं रोका था.’
कोर्ट ने ये भी कहा, ‘आपने उच्च न्यायालय में अपनी याचिकाओं के लंबित होने को कवच के तौर पर इस्तेमाल किया है.’ दरअसल, हाई कोर्ट पिछले साल अगस्त में विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं का उल्लेख कर रही थी. इन याचिकाओं में विधायकों ने कथित तौर पर लाभ के पद पर उनके रहने के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई जारी रखने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी.
केजरीवाल ने क्या कहा
चुनाव आयोग की इस सिफारिश के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि इतिहास गवाह है, अंत में जीत सच्चाई की ही होती है. लेकिन अब गेंद राष्ट्रपति के पाले में है. ऐसे में ये देखना होगा कि चुनाव आयोग और हाई कोर्ट से खाली हाथ लौटी आम आदमी पार्टी को राष्ट्रपति के दर से क्या फरमान मिलता है?