पंजाब के शाहकोट विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी शिकस्त ने दिल्ली में भी पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पहले राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव और फिर दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद से पार्टी की हार का सिलसिला लगातार जारी है। पंजाब में जहां पार्टी प्रमुख विपक्षी दल है, वहां की शाहकोट सीट के उपचुनाव में बृहस्पतिवार को AAP उम्मीदवार की जमानत जब्त होने को राजनीति के जानकार पार्टी का तिलिस्म टूटने के रूप में देख रहे हैं।
सिर्फ 1900 वोट मिले AAP प्रत्याशी को
शाहकोट विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में AAP प्रत्याशी रतन सिंह को महज 1900 मत मिले हैं, जबकि एक वर्ष पहले ही हुए विस चुनावों में पार्टी को यहां से करीब 41 हजार वोट मिले थे। इससे पता चलता है कि एक साल में ही आप के प्रति पंजाब की जनता का मोहभंग हो गया है। दिल्ली के बाद पंजाब ही आप का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। मगर महज एक साल में ही पार्टी की ऐसी दुर्गति होना कई सवाल खड़े करता है।
पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल समेत AAP नेताओं ने पंजाब में भारी बहुमत से सरकार बनाने का दावा किया था। हालांकि, चुनाव परिणाम ने उनके दावों की पोल खोल दी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की माफी की सियासत पर पंजाब इकाई में फूट पहले ही पड़ चुकी है।
आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में दिल्ली में आप का प्रदर्शन कैसा रहेगा, ये तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यदि यही स्थिति रही तो उसके लिए आगामी चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं होंगे। गत वर्ष 272 वार्डो के लिए हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में AAP को एक चौथाई सीट भी नहीं मिली थी। इसी तरह विधानसभा चुनाव में जीती हुई राजौरी गार्डन सीट भी पार्टी उपचुनाव में गवां बैठी। सिर्फ बवाना विधानसभा सीट पर ही उपचुनाव में पार्टी अपनी इज्जत बचा सकी थी।
AAP की गंभीरता और विश्वास दोनों खत्म: स्वराज इंडिया
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी सरकार चलाने के लिए नहीं, बल्कि वैकल्पिक राजनीति का पर्याय बनकर आई थी, इसीलिए जनता ने दिल्ली में उसको स्पष्ट बहुमत दिया था। लेकिन, आज की तारीख में वह भी परंपरागत राजनीति ही करने में लग गई है। आलम यह है कि कल तक जिन नेताओं के खिलाफ बयान दे रही थी, आज उन्हीं से हाथ मिला रही है। ऐसे में जनता के बीच AAP की गंभीरता और विश्वास दोनों खत्म हो रहे हैं।
केजरीवाल ने खुद दोनों पैर कटवा लिएः कपिल मिश्रा
वहीं, दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा के मुताबिक, केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने से पूर्व शाहकोट के नतीजे भी देख लेने चाहिए। केजरीवाल ने खुद दोनों पैर कटवा लिए दूसरों की कमर की लचक की कमियां गिनाने में। अब AAP के पास विलाप ही एकमात्र विकल्प है।
अब AAP को गंभीरता से नहीं लेतीः अजय माकन
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने जनता को सपने तो बहुत दिखाए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे काम न करने के बहाने तलाशते रहते हैं। कभी किसी पर आरोप लगाते हैं तो कभी किसी पर। बाद में माफी मांग लेते हैं, इसीलिए जनता अब आप को गंभीरता से नहीं लेती। जनता की यह नाराजगी निश्चित रूप से अगले विधानसभा चुनाव में सामने आएगी।