स्त्री को घर की लक्ष्मी कहा जाता है. भारतीय समाज में उसे देवी का दर्जा देकर आदि शक्ति का स्वरूप माना जाता है. प्रकृति ने भी उसे ऐसी नेमत से नवाजा है की उसके बिना संसार की सरंचना ही अधूरी है. जब भी किसी घर में बेटी का जन्म होता है तो यही कहा जाता है कि घर में लक्ष्मी आई है. इसके अलावा विवाह के बाद जब वह ससुराल आती है तो वहां भी उसके पहले कदम को लक्ष्मी का आगमन ही माना जाता है.अभी-अभी: सीएम योगी सहित पांच नेताओं ने दाखिल किया नामांकन, चारो तरफ गूंजे जय श्रीराम के नारे
औरत को हिन्दू धर्म में देवी का अवतार माना जाता है. आमतौर पर हम जब शादी होती है. यही कहा जाता है की वह लक्ष्मी का रूप है औरत अपने साथ घर में सौभाग्य लेकर आती है. हमारे वेदों में इस बात का साफ़ उलेख किया गया है जहाँ नारी की पूजा होती है, वहां देवता वास करते हैं. औरत किसतरह अपने पति का भाग्य बदल सकती है इस बात का उल्लेख भी हमारे शास्त्रों में किया गया है.
स्त्री अपने साथ घर में सौभाग्य लेकर आती है. यूं तो हर बेटी या हर स्त्री, अपने ससुराल और अपने माता-पिता के लिए लकी ही होती है लेकिन सामुद्रिक शास्त्र के अंतर्गत सौभाग्यशाली महिलाओं की कुछ विशेषताओं का भी उललेख किया गया है. आप भी जानें महिलाओं की वो ख़ासियतें जो उन्हें अपने प्रेमी, पति और पूरे परिवार के लिए लकी बनाती हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी महिलाएं जिनके पैरों के तलवों के नीचे त्रिकोण का निशान हो, ऐसी महिलाएं बुद्धिमान और सूझ-बूझ वाली होती हैं. वे अपनी समझ और ज्ञान से अपने परिवार की हर संभव सहायता करती हैं और सभी को खुशहाल रखती है.