दिल्ली के सेंट स्टीफेन मेडिकल कॉलेज इनदिनों चर्चा में है। जहां दो डॉक्टर साथ में इंटर्न थे, दोनों एक ही हॉस्टल में रहते थे, एक ही कमरे को शेयर करते थे, लेकिन न जाने क्यों अचानक एक जान लेने में तुल गया है। लगातार हत्या करने की फिराक में घूमने लगा। आखिर कार 24अगस्त को मौका मिलते ही बारह टूकड़े कर दिए।बाबा की सजा पर लोगों ने कहा- सीरियल रेपिस्ट है राम रहीम, उम्र कैद होनी ही चाहिए….
डॉक्टर ने की रूम पार्टनर डॉक्टर की हत्या, लड़की बनी वजह
दिल्ली के फेमस अस्पताल में सेंट स्टीफन में अस्पताल के अंदर तेजधार वाले हथियार से गला रेतकर शाश्वत पांडेय नाम के डॉक्टर की हत्या कर दी गई, हत्या का शक उसके साथ साथी पर है, जो वारदात के बाद से फरार है। पुलिस के अनुसार इलाहाबाद के चर्च लेन में रहने वाला शाश्वत उत्तरी दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग में डॉक्टर है।
शाश्वत के पिता संजय पांडेय इलाहाबाद में अपना प्राइवेट नर्सिंग होम चलाते हैं जबकि उसकी मां और बहन उसके साथ दिल्ली में ही रहते हैं। बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह जब एक कर्मचारी रेडियोलॉजी विभाग में गया तो वहां उसे शाश्वत की खून से लथपथ लाश पड़ी दिखी। उसने तुरंत इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन और पुलिस को दी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
रूम पार्टनर के साथ डॉक्टर रखना चाहता था ‘दोस्ताना’ वाले संबंध
पुलिस उपायुक्त जतिन नारवाल ने बताया कि इस मामले में शाश्वत के एक साथी डॉक्टर पर उन्हें शक है। आरोपी का नाम सुयश गुप्ता है और वह इटावा का रहने वाला है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। लेकिन शुरुआती जांच में जो खुलासा हुआ है। उससे पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस को हॉस्टल में रहने वाले रेजिडेंट ने बताया की मृतक शास्वत पांडेय हॉस्टल में सुयश के साथ रहता था। लेकिन सुयश की हरकतें ठीक नहीं थी, लोग उसे समलैंगिक कहते थे, दोनों में अच्छा दोस्ताना था। लेकिन बीते दिनों शाश्वत पांडेय की दोस्ती एक लड़की से हो गई। जिसके बाद वो सुयश को इग्नोर करने लगा।
पहले भी किया था हत्या करने का प्रयास
इससे नाराज होकर सुयश ने एक दिन चाकू लेकर हॉस्टल में पहुंचा और शास्वत को मारने का प्लान बना रहा था। लेकिन पकड़े जाने के बाद वह हाथ-पैर जोड़कर वहां से भाग गया था। शाश्वत के दोस्तों ने बताया कि आरोपी सोयश गुप्ता को अस्पताल में चाकू लाने के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है।
उस समय किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि सोयश एक बार फिर वारदात को अंजाम दे सकता है। बताया जाता है कि अरोपी डॉक्टर सोयश को जब अस्पताल में चाकू के साथ पकड़ा गया था और उसी समय उसे सस्पेंड किया गया था तो किसी न उससे पंचिंग कार्ड नहीं लिया। इसका फायदा उसने गुरुवार की रात उठाया। उसी पंचिंग कार्ड से वह रेडियोलॉजी विभाग के अंदर घुसा और वारदात को अंजाम देने के बाद वहां से आराम से भाग निकला।