New Delhi: अपने कंधे पर जिंदा बम लेकर दौड़ने वाले कॉन्सटेबल अभिषेक पटेल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शाबाशी के तौर पर 50,000 रुपए का इनाम दिया है। अपनी जान-जोखिम में डालकर 400 बच्चों की जिंदगी बचाने वाले अभिषेक को मध्यप्रदेश सरकार ने सम्मानित किया है।अभी-अभी: UP में राम रहीम के समर्थकों का महा तांडव, शामली, हापुड़, बागपत में भी लगी धारा 144…
सम्मानित किए जाने पर अभिषेक ने कहा कि उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं थी, क्योंकि 1 जान से ज्यादा कीमती 400 जानें थी। कांस्टेबल की बहादुरी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। बम को कंधे पर लेकर भागते समय कांस्टेबल का 12 सेकंड का वीडियो भी वायरल हो गया है।
यह घटना मध्यप्रदेश के चितौरा गांव की हैं। गांव में एक बम की सूचना पर डायल 100 की टीम पहुंची। वहां उन्हें जिंदा बम मिल गया। बम कहीं फट ना जाए और लोगों को कुछ हो न जाए इसलिए अभिषेक ने बम को कंधे पर रखकर दौड़ लगा दी। और उसने बम को गांव से दूर ले जाकर फेंक दिया।
दरअसल, चितौरा में रहने वाले एक ढाबा मालिक ने रसोई गैस सिलेंडर लेने जा रहे थे। इस दौरान सरकारी मिडिल स्कूल के पास किराने की दुकान पर सामान लेने के लिए रुके। यहां सामान लेने के दौरान ही उन्हें रसोई घर की दीवार के पास वजनी चीज पड़ी दिखाई दी। पास में जाकर देखा तो यह सेना का एक पुराना बम था। उन्होंने इसकी सूचना सुरखी थाने के डायल 100 स्टाफ को दी। बम डिस्पोजल स्कवाड के अफसर पहले बिना उपकरणों के ही मौके पर पहुंच गए, जब सेना के अधिकारी नहीं आए तो स्क्वॉड के अफसरों ने गाड़ी वापस सागर भेजकर उपकरण मंगाए। हालांकि स्क्वॉड के अफसर सेना के इस बम को डिफ्यूज करने में असमर्थ रहे।
इसके बाद बम को पुलिस के पहरे में रेत के ढेर पर रख दिया गया। कंट्रोल रूम के जरिए सेना के कंट्रोल रूम को सूचना भेजी गई थी। रात तक सेना के अफसर नहीं आए थे। बम को एक गड्ढा कर रेत बिछाकर रखा गया है।बम का वजन 10 किलो का था। बम निरोधक दस्ता काफी देर तक नहीं पहुंचा तो अभिषेक ने बम को अपने कंधे में रखकर दौड़ना शुरू कर दिया और एक किलोमीटर दूर ले जाकर फेंका।
बन्नाद गांव के पास सड़क से लगे खेत में जुलाई माह में एक 50 साल पुराना बम मिला था। ढाना फायरिंग रेंज में प्रैक्टिस के दौरान बगैर फटे पास के किसी खेत में गिरकर दब गया होगा। बोवनी बखरनी के दौरान बाहर आने पर किसी व्यक्ति ने बम को सड़क के पास लाकर डाल दिया था।