शिरडी के श्री सांई बाबा जिनका नाम लेते ही सारे संकट मिट जाते हैं सारे पाप उतर जाते हैं। ऐसे श्री सांई बाबा आज भी अपने श्रद्धालुओं के स्मरण करते ही उनकी मदद करने पहुंच जाते हैं। श्री सांई के अद्भुत चमत्कारों से श्रद्धालु आज भी अभिभूत हो जाते हैं। आज भी बाबा की पावन समाधि और देशभर के श्री सांई मंदिरों से चमत्कार होते हैं आज भी श्री सांई बाबा की धुनि सभी का भला करती है।
ऐसे श्री सांई बाबा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु 9 गुरूवार के व्रत करते हैं। 9 गुरूवार के व्रत करने पर श्रद्धालुओं को मनोवांछित लाभ होता है। इसके लिए श्रद्धालुओं को सुबह उठकर शुद्ध होकर स्नान करने के बाद श्री सांई बाबा के फोटो पर माला अर्पित करना चाहिए। यदि श्रद्धालु मंदिर जा सकें तो श्री सांईबाबा के मंदिर जाकर दर्शन करना चाहिए। फिर श्री सांई के फोटो की घर में विधिवत पूजा अर्चना कर उन्हें स्मरण करना चाहिए।
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श्री सांई के फोटो के पास धूप बत्ती या फिर गूगल और कंडे का धुंआ भी करना चाहिए। इसके बाद श्री सांईबाबा का आह्वान करना चाहिए। सुबह या शाम के समय श्री शिर्डी सांई बाबा के 9 गुरूवार की व्रत कथा विधि को और व्रत की कथा को पढ़ना चाहिए। और श्री सांई बाबा के लिए केसरिया भात हलवा रेवड़ी आदि प्रसाद बनाकर उन्हें भोग लगाना चाहिए।
इस व्रत को लगातार 9 गुरूवार तक करना चाहिए। यह व्रत एकासना तरह से किया जाता है। व्रत के अंतर्गत फलाहार भी किया जाता है। श्री सांई की आराधना में पीले रंग के वस्त्र भी गुरूवार वाले दिन धारण किए जाऐं तो और बेहतर होता है वैसे पीले वस्त्र धारण करने का कोई सख्त नियम नहीं होता है। व्रत के अंतिम दिन अर्थात 9 वे गुरूवार या इसके बाद गरीबों को भोजन देकर इसका उद्यापन किया जाता है। व्रत 11 या 21 भी किए जा सकते हैं। श्री सांई इस व्रत से मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं।