इस सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे प्रणब, 200 लोगों के स्टाफ की जगह अब...

इस सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे प्रणब, 200 लोगों के स्टाफ की जगह अब…

New Delhi : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज रिटायर हो रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद वो राजाजी लेन में रहेंगे। प्रणब ने ऐलान किया है कि वो रिटायरमेंट के बाद टीचिंग करेंगे ओर सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने जाएंगे। मुखर्जी अपनी ऑटोबायोग्राफी की तीसरी बुक पूरी करना चाहते हैं और इसके बाद वो टीचिंग कर सकते हैं।इस सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे प्रणब, 200 लोगों के स्टाफ की जगह अब...रिटायरमेंट के बाद प्रणब के साथ 5 लोगों का स्टाफ रहेगा। इससे पहले उनके पास 200 लोगों का स्टाफ था। प्रणब को मिली बुलेटप्रूफ मर्सिडीज हमेशा उनके पास ही रहेगी और उन्हें स्टाफ का खर्च उठाने के लिए 60 हजार रुपए सालाना मिलेंगे।

इसके अलावा उन्हें दो टेलीफोन मिलेंगे, जिनमें से एक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए रहेगा। एक मोबाइल फोन रहेगा, जिसमें ऑल इंडिया रोमिंग फ्री सुविधा रहेगी। उन्हें आजीवन मेडिकल ट्रीटमेंट फ्री रहेगा।

इससे पहले  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को रविवार को संसद के सेंट्रल हॉल में फेयरवेल दिया गया। प्रणब ने कहा, “इस शानदार प्रोग्राम के लिए पार्लियामेंट का शुक्रिया। 

मैं नरेंद्र मोदी की एनर्जी का मुरीद हूं और उनके साथ जुड़ी अच्छी यादें लेकर जा रहा हूं।” लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सम्मान पत्र पढ़ा और कहा- प्रणब ने आदर्शों की मिसाल पेश की। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि हम प्रणब मुखर्जी को प्रणब दा के रूप में ज्यादा जानते हैं।

इस दौरान पार्लियामेंट मेंबर्स के अलावा रूलिंग और अपोजिशन पार्टीज के टॉप लीडर्स सेंट्रल हॉल में मौजूद थे। बता दें कि प्रणब का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। वे देश के 13वें राष्ट्रपति हैं। उनकी जगह रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को पद संभालेंगे।1) मैं इस पार्लियामेंट का क्रिएशन : 

– प्रणब ने कहा, “अगर में ये दावा करूं कि मैं इस पार्लियामेंट का क्रिएशन हूं तो इसे किसी इम्मोडेस्टी (अशिष्टता) के तौर पर नहीं लेना चाहिए।”

2) GST हमारी मेच्योरिटी की मिसाल : 

– “हाल के वक्त में GST का सफर पूरा हुआ और 1 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग हुई। ये हमारे कोऑपरेटिव फेडरलिज्म (सहयोगी संघवाद) का एक चमकती हुई मिसाल है। ये भारतीय संसद की मेच्योरिटी के बारे में बताता है। आजकल ऑर्डिनेंस लाने का जो चलन है, उसे बेहद जरूरी होने पर ही अपनाया जाना चाहिए।”3) अच्छी यादें लेकर जा रहा हूं : 

– “मुझे सौभाग्य मिला कि मैं देश की सेवा कर सका। तमाम तरह के लोग एक ही संविधान को मानते हैं, यही इस देश की खूबसूरती है। दोनों सदनों के सांसद इस देश की जनता की आवाज बनते हैं। मैं मोदी की एनर्जी का मुरीद हूं। उनके साथ बहुत अच्छी यादें लेकर जा रहा हूं।”

4) इंदिरा गांधी निडर नेता थीं :

-“इंदिरा गांधी बहुत निडर थीं। इमरजेंसी के बाद हम पहली बार साथ लंदन गए। मीडिया ने पूछा- इमरजेंसी से आपको क्या मिला? उन्होंने कहा- हमने उन 21 महीने में देश के सभी तबकों को एक साथ किया। इसके बाद हीथ्रो एयरपोर्ट के लाउंज में शांति छा गई। जब मैं पहली बार 48 साल पहले संसद में आया तो 38 साल का था। राज्यसभा में भी रहा। पिछले 37 साल में मैंने लोकसभा और राज्यसभा में सेवाएं दीं। 5 बार राज्यसभा में रहा। जब राज्यसभा में पहली बार आया तो यहां बहुत सम्मानित लोग जिनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। भूपेश गुप्ता शानदार वक्ता थे। अटल जी और मधु लिमये जैसे सम्मानित लोग थे। एलके आडवाणी और सोनिया जी जैसे सुलझे लोग हैं। इस शानदार बिल्डिंग से जाने पर थोड़े से दुख का अहसास हो रहा है।”

 5) संविधान एक अरब से ज्यादा लोगों की आशा :

– ” इतना शानदार फेयरवेल प्रोग्राम ऑर्गनाइज करने के लिए आपका धन्यवाद। इस संसद ने एक इंसान को निखार दिया। ये लोकतंत्र का मंदिर है। संविधान ने हमें कई बातें सिखाई हैं। हमारा संविधान सिर्फ संविधान नहीं है, बल्कि ये एक अरब से ज्यादा लोगों की आशाएं हैं।”

प्रणब मुखर्जी को प्रणब दा के तौर पर जानते हैं- अंसारी :

-हामिद अंसारी ने कहा- हम प्रणब मुखर्जी को प्रणब दा के रूप में ज्यादा जानते हैं। सांसद के तौर पर 1997 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला। उन्होंने एक बार कहा था कि पार्लियामेंट में डिबेट, डिसेंट और डिस्कशन होना चाहिए। लेकिन डिस्ट्रक्शन नहीं।

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