बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद 25 नवंबर को पहली कैबिनेट बैठक होगी। इस बैठक में नई विधानसभा का पहला सत्र बुलाने पर फैसला किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार इसके साथ ही कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। शुक्रवार को नीतीश कैबिनेट के सभी 26 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया। इसमें पहली बार गृह विभाग नीतीश कुमार से लेकर बीजेपी कोटे से बने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के पास गया है। सीएम नीतीश कुमार के पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन विभाग हैं।
पहली कैबिनेट में सभी होंगे शामिल
25 नवंबर को होने वाली पहली कैबिनेट बैठक में सभी 26 मंत्री उपस्थित रहेंगे, जिसमें कई नए चेहरे भी शामिल हैं जो पहली बार इस सत्र में भाग लेंगे। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी दोनों को विशेष स्थान दिया गया है; कुछ मंत्रियों के पास वही विभाग रहेगा, जबकि कई के विभाग बदल दिए गए हैं।
नई सरकार के 88% मंत्री करोड़पति
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुख्यमंत्री सहित 27 में से 24 मंत्रियों के शपथ‑पत्रों के आधार पर जारी रिपोर्ट में बताया है कि नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में 88 % (21) मंत्री करोड़पति हैं। भाजपा के 13 में से 11, जदयू के 8 में से 8, हम के 1 में से 1, तथा लोजपा‑रामविलास के 2 में से 1 मंत्री करोड़पति हैं। मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.32 करोड़ रुपये है। औराई से निर्वाचित रमा निषाद के पास सबसे अधिक 31.86 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि बखरी से निर्वाचित संजय कुमार के पास सबसे कम 22.30 लाख रुपये की संपत्ति है।
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