उत्तर प्रदेश में अक्तूबर का आखिरी हफ्ता माैसमी उतार-चढ़ाव और चक्रवात मोंथा के असर में गुजरने वाला है। माैसम विभाग का कहना है कि अरब सागर से आ रही नमी और बंगाल की खाड़ी में बन रहे वेदर सिस्टम के चलते बादलों की सक्रियता बढ़ी है। इसके असर से अगले दो दिनों मेंअधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखने को मिलेगी। इधर लखनऊ सहित कई जिलों में देर रात से बारिश हो रही है।
सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बादलों की आवाजाही, पारे में गिरावट और बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर आदि में बूंदाबांदी देखने को मिली। सोमवार शाम तक बांदा में सर्वाधिक 14.6 मिमी और ललितपुर में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम को देखते हुए किसानों ने धान फसल की कटाई जोर-शोर से शुरू कर दी है। किसानाें को डर है कि खेत में तैयार खड़ी धान की फसल पर पानी पड़ा तो नुकसान होगा।
29 से 31 तक दिखेगा चक्रवात मोंथा का असर
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना गहन अवदाब तेजी से प्रबल होकर गंभीर चक्रवाती तूफान मोंथा में बदल रहा है। उत्तर- पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए यह आंध्र प्रदेश तट के काकीनाडा के आसपास 28 अक्टूबर की शाम या रात के समय प्रचंड चक्रवाती तूफान के रूप में पहुंच सकता है। मोंथा चक्रवात का सबसे ज्यादा असर यूपी और बिहार में दिखेगा। 29 से 31 अक्तूबर के बीच बिहार से सटे पूर्वांचल के कई जिलों और बुंदेलखंड आदि में गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं। 30 अक्तूबर को वाराणसी आदि में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
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