उत्तर भारत के कई हिस्सों ने झमाझम बारिश, बाढ़ और उमस का सामना किया। लेकिन अब मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मानें तो भारत आने वाले महीनों में भीषण सर्दी का सामना कर सकता है।
जानकारी के अनुसार, इस बार ला नीना (La Niña) नामक दुर्लभ जलवायु घटना सक्रिय हो चुकी है, जिसके चलते पहले भारी मानसूनी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है, इसके बाद उत्तर भारत में रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर से लेकर फरवरी तक तापमान में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है। अनुमान है कि दिल्ली में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि अन्य उत्तरी राज्यों में भी कड़ाके की ठंड पड़ने की आशंका जताई गई है।
क्या है ‘ला नीना’ और क्यों है खतरनाक?
ला नीना प्रशांत महासागर की सतह पर तापमान सामान्य से काफी नीचे जाने की स्थिति है। जब समुद्र का तापमान गिरता है, तो इसका सीधा असर वैश्विक स्तर पर मौसम चक्र पर पड़ता है। भारत में इसका मतलब है ज्यादा ठंडी हवाएं, लंबी सर्दी और कई बार सामान्य से ज्यादा बर्फबारी। अमेरिकी क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना बनने की संभावना 71% है। ऐसे में उत्तर भारत और पूर्वी भारत ही नहीं बल्कि पंजाब भी रिकॉर्डतोड़ ठंड की चपेट में आ सकता है।
पंजाब पर क्या होगा असर?
कृषि पर असर: पंजाब में गेहूं और सरसों जैसी रबी फसलों पर गहरी ठंड का सीधा प्रभाव पड़ेगा।
स्वास्थ्य खतरे: लगातार चलने वाली ठंडी हवाएं बुजुर्गों और बच्चों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।
धुंध और कोहरे की वजह से ट्रांसपोर्ट और सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ेगा।
हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी
हिमालय में इस बार सामान्य से ज्यादा बर्फबारी की संभावना जताई गई है। यह नदियों और जलस्रोतों के लिए तो फायदेमंद होगी, लेकिन पहाड़ी राज्यों में यात्रा और आपूर्ति तंत्र पर भारी असर डालेगी। पंजाब से हिमाचल और उत्तराखंड की ओर जाने वाले पर्यटकों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की ठंड पहले से ज्यादा कड़ी और लंबी होगी। ऐसे में पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत को तैयार रहना होगा।