इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी दी है। इन तीनों देशों ने 7 अक्टूबर के हमास हमले के मद्देनजर फलस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी है और उन पर आतंकवाद को पुरस्कृत करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फलस्तीनी राज्य नहीं होगा। बयान में नेतन्याहू ने कहा, “कोई फलिस्तीनी राज्य नहीं होगा। हमारी भूमि के मध्य में एक आतंकवादी राज्य को हम पर थोपने के नवीनतम प्रयास का जवाब संयुक्त राज्य अमेरिका से मेरे लौटने के बाद दिया जाएगा।”
‘मेरा साफ संदेश है’
उन्होंने आगे कहा, “7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद, जो नेता फलस्तीनी राज्य को मान्यता दे रहे हैं, उनके लिए मेरा स्पष्ट संदेश है- आप आतंक को भारी इनाम दे रहे हैं और मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है: ऐसा नहीं होने वाला है। जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फलिस्तीनी राज्य नहीं होगा।”
नेतन्याहू ने कहा, “वर्षों से मैंने घरेलू और विदेशी, दोनों ही तरह के भारी दबाव के बावजूद उस आतंकवादी राज्य के निर्माण को रोका है। हमने यह दृढ़ संकल्प और चतुर कूटनीति के साथ किया है। इसके अलावा, हमने यहूदिया और सामरिया में यहूदियों की संख्या दोगुनी कर दी है और हम इसी रास्ते पर चलते रहेंगे।”
फलस्तीन को लेकर मचा बवाल
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने आज औपचारिक रूप से फलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी है, जिससे अन्य राष्ट्र भी द्वि-राज्य समाधान की दिशा में गति को पुनर्जीवित करने के प्रयास में शामिल हो गए हैं, लेकिन इस कदम की इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका ने आलोचना की है।