शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह मां दुर्गा को समर्पित है, जो नौ दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, इन नौ दिनों में दीपक जलाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ अनुष्ठान माना जाता है। कहते हैं कि इससे व्यक्ति के जीवन का अंधकार दूर होता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।
इन स्थानों पर जलाएं दीपक
- मंदिर या पूजा घर – नवरात्र में सबसे पहला दीपक अपने घर के मंदिर या पूजा घर में जलाना चाहिए। यह दीपक नौ दिनों तक अखंड जलना चाहिए, जिसे अखंड ज्योति भी कहते हैं। यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और सभी परेशानियों को दूर करता है। अगर आप अखंड ज्योति नहीं जला सकते, तो सुबह-शाम घी या तेल का दीपक जरूर जलाएं।
- मुख्य द्वार – घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से देवी-देवता घर में प्रवेश करते हैं। यह दीपक घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सुख-शांति लाता है। आप चाहें तो दोनों तरफ दीपक जला सकते हैं।
- तुलसी का पौधा – तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। नवरात्र के नौ दिनों में शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
- रसोई – नवरात्र में घर की रसोई में भी दीपक जलाना चाहिए, क्योंकि यहां मां अन्नपूर्णा वास करती हैं। रसोई में दीपक जलाने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। यह दीपक परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ माना जाता है।
- पीपल का पेड़ – अगर आपके घर के आसपास पीपल का पेड़ है, तो नवरात्र में वहां भी दीपक जलाना बहुत लाभकारी होता है। पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। कहते हैं कि पीपल के नीचे दीपक जलाने से पितृ दोष भी दूर होते हैं।
दीपक जलाने के नियम
दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। घी का दीपक हमेशा देवी-देवता की प्रतिमा के दाईं ओर रखना चाहिए और तेल का दीपक बाईं ओर। दीपक जलाने के लिए शुद्ध घी या सरसों का तेल ही उपयोग करें। दीपक जलाते समय ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें।